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Congress Presidential Election: शशि थरूर बोले, परिणाम चौंकाने वाले होंगे

अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर का मनना है कि जो लोग कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में एकतरफा जीत की उम्मीद कर रहे हैं, वे परिणाम को देखकर चौंक जाएंगे.

Updated on: 11 Oct 2022, 09:15 PM

highlights

  • थरूर बोले, उनका लक्ष्य 2024 के कांग्रेस को ताकतवर बनाना है
  • उनके नेता मेरे प्रतिद्वंद्वी को समर्थन देने का आदेश दिया है
  • कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा

नई दिल्ली:

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव (Congress president election)  को लेकर अभी से दावे किए जा रहे हैं. अध्यक्ष पद के उम्मीदवार शशि थरूर (Shashi tharoor) का मनना है कि जो लोग कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में एकतरफा जीत की उम्मीद कर रहे हैं, वे परिणाम को देखकर चौंक जाएंगे. उन्होंने 1997 और 2000 के चुनावों की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय परिणाम हैरान कर देने वाले थे. 1997 में सीताराम केसरी जिन्होंने शरद पवार (Sharad Pawar) और राजेश पायलट (Rajesh Pilot)  को बढ़े अंतर से हराया है. ये त्रिकोणीय मुकाबला था, मगर केसरी की जीत भारी अंतर से हुई थी. वहीं वर्ष 2000 में सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को बड़े अंतर से हराया था. सांसद ने आगे कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में मैं जीतूं या खड़गे, मगर जीत केवल कांग्रेस की मायने रखती है. उनका लक्ष्य 2024 के कांग्रेस को ताकतवर बनाना है. 

मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन 

मीडिया से बातचीत में थरूर ने दावा किया कई मतदाता को उनके नेता मेरे प्रतिद्वंद्वी को समर्थन देने का आदेश दिया है. हालांकि उन्होंने कहा, वे आखिरी समय में गुप्त मतदान के वक्त उन्हें वोट कर सकते हैं. थरूर के सामने मल्लिकार्जुन खड़गे मैदान में होंगे. उन्हें गांधी परिवार के निकट माना जाता है. ऐसे में वे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. 

शशि थरूर से जब पूछा गया कि क्या कुछ वरिष्ठ नेताओं के भय से उनका साथ नहीं दे पा रहे हैं. इस पर थरूर ने कहा कि वे यह जानते हैं कि कई लोग ऐसे हैं, जो इन कारणों से अब तक खुलकर सामने नहीं आए हैं. वे मेरे कार्यक्रमों में भी शामिल नहीं हुए हैं. उन्होंने निजी तौर उनका समर्थन करने कहा है. 

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव 17 अक्टूबर को होगा. शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा अलावा झारखंड के कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी नामांकन भरा था.  मगर उनका नामांकन रद्द हो गया. इससे पहले राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी मैदान में थे. वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने भी चुनाव लड़ने की संभावनाओं से इनकार कर दिया था.