शशि थरूर का मोदी सरकार पर हमला, कहा- नोटबंदी से क्या फायदा हुआ, सरकार के पास कोई जवाब नहीं
केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार पर हमला किया है। थरूर ने कहा कि नोटबंदी के क्या फायदे हुए, सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं हैं।
नई दिल्ली:
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा नोटबंदी के जारी आंकड़ों के बाद विपक्षी पार्टियां केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार पर लगातार हमलावार है। नवंबर 2016 को नोटबंदी में बंद किए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों में 99.3 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ गए जिसके बाद केंद्र सरकार के इस फैसले की तीखी आलोचना की जा रही है। अब केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सरकार पर हमला किया है। थरूर ने कहा कि नोटबंदी के क्या फायदे हुए, सरकार के पास इसका कोई जवाब नहीं हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने कहा, 'नोटबंदी के बाद 99.3 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ गए। तो क्यों लोगों को इतनी ज्यादा तकलीफों का सामना करने दिया गया? इसके क्या फायदे हुए, सरकार के पास भी कोई जवाब नहीं है।'
After demonetisation, 99.3% of notes have returned. Then why were people made to go through so much difficulty? What was its benefit? Govt has no answers: Congress MP Shashi Tharoor pic.twitter.com/gGvpEpzpLS
— ANI (@ANI) September 2, 2018
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर गुरुवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए नोटबंदी को 'घोटाला' करार दिया था, उन्होंने कहा कि नोटबंदी का मुख्य मकसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चहेते 15-20 बड़े पूंजीपतियों को कर्ज से उबारना और उनके काले धन को सफेद करना था।
वहीं पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा था कि नोटबंदी के बाद 100 लोगों की जानें गई थी और लाखों रोजगार बर्बाद हो गए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के जीडीपी विकास दर में 1.5 फीसदी की गिरावट आई और जिससे एक साल में 2.25 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
इसके अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी नोटबंदी के फैसले पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि सरकार इस पर श्वेत पत्र जारी करे। अरविंद केजरीवाल ने कहा था, 'नोटबंदी की वजह से लोग बुरी तरह से प्रभावित हुए। कई लोगों की मौत हुई व्यापार को नुकसान हुआ। लोगों को जानने का अधिकार है कि नोटबंदी के जरिए क्या हासिल हुआ। सरकार को इस पर एक श्वेत पत्र लाना चाहिए।'
आरबीआई ने बीते बुधवार को जारी अपनी 2017-18 की वार्षिक रिपोर्ट में बताया था कि 8 नवंबर को बंद किए गए 500 और 1000 रुपये के 99.3 फीसदी नोट बैंकों में वापस आ गए हैं। जबकि केंद्र सरकार ने दावा किया था कि बड़ी मात्रा पर इससे काले धन पर लगाम लगी है।
आरबीआई ने कहा कि चलन से बाहर हुए 500 और 1,000 रुपये के प्रतिबंधित नोटों की जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद पाया गया कि बैंक के पास वापस हुए कुल विमुद्रीकृत नोटों का मूल्य 15.3 लाख करोड़ रुपये है, जो आठ नवंबर, 2016 को कुल विमुद्रीकृत नोटों के मूल्य 15.4 लाख करोड़ रुपये का 99.3 फीसदी है।
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