नीतीश के खिलाफ लड़ाई में शरद यादव गुट फिर पहुंचा EC, चुनाव चिह्न पर किया दावा

शरद यादव की अगुवाई वाला जेडीयू पहला आवेदन दरकिनार कर दिए जाने के बाद गुरुवार को दोबारा निर्वाचन आयोग पहुंचा और पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा किया।

शरद यादव की अगुवाई वाला जेडीयू पहला आवेदन दरकिनार कर दिए जाने के बाद गुरुवार को दोबारा निर्वाचन आयोग पहुंचा और पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा किया।

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Jeevan Prakash
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नीतीश के खिलाफ लड़ाई में शरद यादव गुट फिर पहुंचा EC, चुनाव चिह्न पर किया दावा

शरद यादव (फाइल फोटो)

शरद यादव की अगुवाई वाला जनता दल (युनाइटेड) पहला आवेदन दरकिनार कर दिए जाने के बाद गुरुवार को दोबारा निर्वाचन आयोग पहुंचा और पार्टी के चुनाव चिह्न पर दावा किया।

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शरद गुट ने आयोग से अपने दावे के समर्थन में दस्तावेज जमा करने के लिए एक महीने का समय मांगा है।

जेडीयू के महासचिव अरुण श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने आज फिर से निर्वाचन आयोग में पार्टी के चुनाव चिह्न् के लिए आवेदन किया है। हमारा पहले का आवेदन अस्वीकार नहीं किया गया था, बल्कि उसे दरकिनार कर दिया गया था, क्योंकि उस पर शरद यादव के हस्ताक्षर नहीं थे।'

उन्होंने कहा कि पार्टी ने आयोग से उनके गुट में आने की इच्छा रखने वाले पार्टी सदस्यों की संख्या को साबित करने के लिए दस्तावेज जमा करने खातिर एक माह का समय मांगा है।

और पढ़ें: EC से झटके के बाद बोले शरद- मैं असली JDU हूं, जल्दी साबित करूंगा

श्रीवास्तव ने कहा, 'बिहार के अलावा सभी राज्यों की जेडीयू इकाइयां शरद यादव के साथ हैं। कानूनी तौर पर पार्टी शरद यादव की है।' बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हालांकि अपनी अगुवाई वाले जेडीयू को वास्तविक जेडीयू होने का दावा किया है।

जेडीयू में दरार तब आई, जब जुलाई में नीतीश कुमार ने जेडीयू-कांग्रेस-आरजेडी महागठबंधन से अलग होकर भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर सरकार बना ली, जबकि विधानसभा चुनाव में जनादेश महागठबंधन को मिला था।

नीतीश के पैंतरा बदलने के कारण बिहार में 80 विधायकों वाली सबसे बड़ी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल सत्ता से बाहर है और 53 विधायकों वाली बीजेपी को अचानक सत्ता मिल गई है।

Source : News Nation Bureau

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