बीजेपी के साथ जाने के फौसले के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच दूरियां काफी बढ़ गई हैं। नीतीश कुमार ने कहा है कि जनता दल (युनाइटेड) के वरिष्ठ नेता शरद यादव अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।
बीजेपी के साथ जाने को लेकर शरद यादव ने की बार अपनी नाराज़गी व्यक्त की है और कहा है कि बीजेपी के साथ जेडीयू के जाने का फैसला बिहार की जनता के जनादेश का अपमान है।
नीतीश कुमार का ये बयान शरद यादव की तरफ से लगातार जाहिर किये जा रही नाराज़गी के बाद आया है।
नीतीश ने यहां संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, 'पार्टी ने आम सहमति से फैसला लिया। वह (शरद यादव) अपना रास्ता चुनने के लिए स्वतंत्र हैं।'
इससे पहले शरद यादव ने दिल्ली से पटना पहुंचने पर हवाईअड्डे पर संवाददाताओं से कहा था कि वह अब भी महागठबंधन के साथ हैं, जिसे बिहार की 11 करोड़ जनता ने 2015 के विधानसभा चुनाव में पांच साल शासन का जनादेश दिया था।
जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ अपनी पार्टी को मिलाकर बने 20 माह पुराने महागठबंधन से अलग होते हुए 26 जुलाई को मुख्यंमत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
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अगले ही दिन 27 जुलाई को उन्होंने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई।
जद (यू) अध्यक्ष ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और बिहार के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह इस माह एक विस्तृत मुलाकात के लिए फिर यहां आएंगे।
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Source : News Nation Bureau