द्वारिका एवं ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का निधन
Shankaracharya Swaroopanand Saraswati passed away : द्वारिका एवं ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया है.
नई दिल्ली:
Shankaracharya Swaroopanand Saraswati passed away : द्वारिका एवं ज्योर्तिमठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का रविवार को निधन हो गया है. शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में स्थित परमहंसी गंगा आश्रम में 99 साल की उम्र में अंतिम सांस ली. वे पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्होंने आजादी की लड़ाई में भाग लिया था. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने लंबी कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी.
यह भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर में ट्राइबल समुदाय के लिए सरकार का बड़ा कदम, बच्चों को मॉडर्न एजुकेशन से जोड़ा
शंकाराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को हिंदुओं का सबसे बड़ा धर्मगुरु माना जाता था. वे करोड़ों सनातन हिंदुओं की आस्था के ज्योति स्तंभ हैं. उनका जन्म ब्राह्मण परिवार में मध्य प्रदेश के सिवनी जिले में जबलपुर के पास दिघोरी गांव में हुआ था. उनके परिजनों ने स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का नाम पोथीराम उपाध्याय रखा था. उन्होंने सिर्फ 9 साल की उम्र में घर छोड़ धर्म की यात्रा शुरू कर दी थी.
धर्म के यात्रा के दौरान स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती यूपी के काशी भी पहुंचे और उन्होंने यहां ब्रह्मलीन श्री स्वामी करपात्री महाराज वेद-वेदांग, शास्त्रों की शिक्षा ग्रहण की. आपको यह जानकर काफी हैरानी होगी कि वर्ष 1942 के दौर में वो सिर्फ 19 साल की आयु में क्रांतिकारी साधु के रूप में प्रसिद्ध हुए थे, क्योंकि देश में उस समय अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई चल रही थी.
यह भी पढ़ें : मुस्लिम लड़की के साथ शादी के बाद आदिवासी युवक की हत्या
पीएम नरेंद्र मोदी ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के निधन से अत्यंत दुख हुआ है. शोक के इस समय में उनके अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दुख व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि द्वारका शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ. सनातन संस्कृति व धर्म के प्रचार-प्रसार को समर्पित उनके कार्य सदैव याद किए जाएंगे. उनके अनुयायियों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करें. ॐ शांति.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि पूज्यपाद ज्योतिष्पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदापीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती जी के ब्रह्मलीन होने का समाचार दुःखद है. उन्होंने हमेशा धर्म और सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया. ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करे. सादर श्रद्धांजलि.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि परम पूज्य ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी शंकराचार्य सरस्वती के देवलोक गमन का समाचार बेहद दुखद व पीड़ादायक है. अभी कुछ दिन पूर्व ही उनके 99वें प्राकट्योत्सव एवं शताब्दी प्रवेश वर्ष महोत्सव में शामिल होकर उनके श्रीचरणों में नमन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य मिला था. गुरु जी का आशीर्वाद व स्नेह हम सभी पर सदैव रहा है. गुरु जी ने जीवन पर्यन्त धर्म, जनसेवा, समाज कल्याण, परोपकार, मानवता के कई उल्लेखनीय कार्य किए हैं. उनका जाना धर्म के क्षेत्र की एक ऐसी क्षति है जो अपूरणीय है. उनके श्रीचरणों में नमन. ईश्वर सभी भक्त गणों को यह भीषण दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर