शाहरुख ने मुकुल रोहतगी को ही अब क्यों दी आर्यन केस की जिम्मेदारी? पढ़ें यहां
मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को एक बार फिर आर्यन जमानत मामले की सुनवाई को अगले दिन के लिए टाल दिया
नई दिल्ली:
मुंबई क्रूज ड्रग्स केस में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को एक बार फिर आर्यन जमानत मामले की सुनवाई को अगले दिन के लिए टाल दिया. बेटे आर्यन को बचाने के लिए जी जान से जुटे किंग खान ने एक नहीं, बल्कि कई-कई नामचीन वकीलों को जमानत के लिए लगाया है. बावजूद इसके शाहरुख को अभी तक निराशा ही हाथ लगी है. यही वजह है कि शाहरुख ने अब आर्यन को जेल से बाहर निकालने की जिम्मेदारी मुकुल रोहतगी को सौंपी है.
कौन हैं मुकुल रोहतगी?
मुकुल रोहतगी कानून की दुनिया में वो नाम हैं, जिनकों किसी पहचान की जरूरत नहीं. अपनी दलीलों से न जानें कितने मुकदमों की दिशा बदल चुके मुकुल रोहतगी देश के सबसे अनुभवी और तेज तर्रार वकीलों में से एक माने जाते हैं. गुजरात दंगों जैसे बड़े केसों में सरकार की ओर से पैरवी कर चुके मुकुल 2014 से 2017 तक भारत के 14वें अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं. इसके साथ ही 2011 से 2014 तक वह सॉलिसिटर जनरल ( ASG ) भी रहे. यूं तो रोहतगी अब तक कई हाई-प्रोफाइल केस लड़ चुके हैं, लेकिन उनमें सबसे बड़ा मुकदमा 2002 गुजरात दंगा था. उन्होंने इसके साथ ही उन्होंने ASG की हैसियत से सुप्रीम कोर्ट में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) का केस भी लड़ा.
इतनी लेते हैं फीस
मुकुल रोहतगी की फीस की अगर बात करें तो वह सबसे ज्यादा फीस लेने वाले वकील माने जाते हैं. इस बात का खुलासा तब हुआ जब उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की ओर से सीबीआई स्पेशल जज लोया की मौत का केस लड़ा. महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए उन्हें स्पेशल प्रॉसिक्यूटर नियुक्त किया था. रिपोर्ट्स की मानें तो महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए उनको फीस के तौर पर 1.20 करोड़ रुपये दिए थे.
शाहरुख ने रोहतगी को क्यों दी जिम्मेदारी?
गौरतलब है कि शाहरुख खान ने बेटे आर्यन की जमानत के लिए पहले सतीश मानशिंदे को लगाया था. यह वही मानशिंदे हैं, जिन्होंने काला हिरण केस में सलमान खान को बचाया था. जबकि आर्यन के दूसरे वकील मशहूर अधिवक्ता अमित देसाई रहे. अमित देसाई वहीं हैं, जिन्होंने 2002 के हिट एंड रन केस में सलमान की पैरवी की थी. लेकिन ऐसे नामचीन और अनुभवी वकीलों को हायर करने के बाद भी जब आर्यन को जमानत नहीं मिल पाई तो शाहरुख को बेटे की जान बचाने के लिए मुकुल रोहतगी का सहारा लेना पड़ा.
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