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खोज खबर( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
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क्या शाहीन बाग की सड़क मांगे आजादी, सुप्रीम कोर्ट की सुनेगा 'शाहीन बाग'?, हंगामा फुल संवाद गुल, कैसे निकलेगा 'रास्ता'? इन बातों पर डिबेट शो खोज खबर में वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने ग्रेस्टों के साथ विस्तृत चर्चा की.
खोज खबर( Photo Credit : न्यूज स्टेट)
क्या शाहीन बाग की सड़क मांगे आजादी, सुप्रीम कोर्ट की सुनेगा 'शाहीन बाग'?, हंगामा फुल संवाद गुल, कैसे निकलेगा 'रास्ता'? इन बातों पर डिबेट शो खोज खबर में वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने ग्रेस्टों के साथ विस्तृत चर्चा की. इस डिबेट शो में सीनियर जर्नलिस्ट अवधेश कुमार, सीनियर जर्नलिस्ट गुंजा कपूर, राजनीतिक विश्लेषक अम्बर जैदी, कांग्रेस नेता परवेज खान, जामिया पीएचडी स्कॉलर मीरन हैदर और इस्लामिक स्कॉलर अतीक उर रहमान ने हिस्सा लिया.
परवेज खान ने कहा कि हम आरएसएस से नफरत नहीं प्यार सकते हैं, पहले आए तो. इस पर अवधेश कुमार ने कहा कि पत्रकारों को मारेंगे और यहां कहेंगे ही हम समर्थन करते हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप गलत है कि पत्रकार पुलिस सुरक्षा में गए थे. तीस्ता क्यों प्रदर्शनकारियों को सीखा रही हैं कि कोर्ट के सामने क्या बोलना है. मीरन हैदर ने कहा कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों का हालचाल लेने के लिए जाना चाहिए, न कि पुलिस की सुरक्षा में. शाहीन बाग के धरने में सभी धर्म के लोग शामिल हैं.
अंबर जैदी ने कहा कि गुंजा कपूर और दीपक चौरसिया को क्या शाहीन बाग जाने के लिए वीजा लेना पड़ेगा. अगर आप गांधी जी के समर्थक होते तो दीपक चौरसिया से अभद्रता नहीं करते. अगर ये आर्गेनिक प्रोटेस्ट है तो आपको डर किस बात का है. संविधान तब तक प्रदर्शन करने का अधिकार देता है, जबतक किसी के अधिकार हनन न हो.
इस्लामिक स्कॉलर अतीक उर रहमान ने कहा कि तीस्सा सीतलवाड़ भारत की नागरिक है, इसलिए वह वहां जा सकती हैं. अवधेश कुमार ने आगे कहा कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को शर्म आनी चाहिए कि वह दिनदहाड़े गुंडागर्दी कर रहे हैं. तीस्सा ने गुजरात में गलत तरीके से पम्पलेट बांटे थे, जिस पर केस दर्ज हुआ है. तो कैसे तीस्ता मुसलमानों की हमदद बन गई है.
गुंजा कपूर ने कहा कि जामिया वाले डिबेट करने नहीं दिए थे, इसलिए मैं बुर्का पहनकर शाहीन बाग गई थी. शाहीन बाग के लोगों ने मेरे बाल खींचे और मुझे मारा है. इस पर मीरन हैदर ने कहा कि गुंजा कपूर की नीयत साफ थी, लेकिन उनका बुर्का पहनकर जाना गलत है. इसके बाद अंबर जैदी ने कहा कि जब अलका लांबा बुर्का पहनती है तो अच्छी लगती है तो गुंजा कपूर क्यों नहीं पहन सकती है. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को संविधान और भारत सरकार पर विश्वास नहीं है, इसलिए ऐसा कर रहे हैं. वहीं. गुंजा कपूर को पीटने वाले को शर्म आनी चाहिए. अंत में परवेज खान ने कहा कि सरकार सीधे बात करे मध्यस्था से वार्ता नहीं होगी.