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शहीद दिवस: देश ने भगत सिंह-सुखदेव-राजगुरु को किया याद, PM मोदी-शाह ने किया नमन 

देश में आज शहीद दिवस है और देशवासियों ने अपने वीर जवानों को नमन किया. अंग्रेजी हुकूमत ने आज ही के दिन साल 1931 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया था.

Updated on: 26 Mar 2021, 12:19 PM

highlights

  • शहीद दिवस पर देशवासियों ने वीर जवानों को किया नमन 
  • अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को दी श्रद्धांजलि
  • गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी किया नमन

नई दिल्ली:

देश में आज शहीद दिवस है और देशवासियों ने अपने वीर जवानों को नमन किया. अंग्रेजी हुकूमत ने आज ही के दिन साल 1931 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी के फंदे पर चढ़ा दिया था. शहीद दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत देश के कई बड़े नेताओं ने शहीदों को श्रद्धांजलि दी है. शहीद दिवस पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आजादी के क्रांतिदूत अमर शहीद वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शहीदी दिवस पर शत-शत नमन. मां भारती के इन महान सपूतों का बलिदान देश की हर पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा. जय हिंद! #ShaheedDiwas ...

गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी किया नमन

पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि स्वतंत्रता के इतिहास में शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की वीरता और योगदान को शब्दों में वर्णित करना संभव नहीं है. आज भी देश को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने की उनकी तड़प और बलिदान को यादकर हर भारतवासी की आंखें नम हो जाती हैं, ऐसे वीर बलिदानियों के चरणों में कोटिशः नमन...
 
शहीद दिवस के मौके पर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मंगलवार को ट्वीट किया. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत मां के वीर सपूत, महान क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव के शहीद दिवस पर उन्हें कोटि-कोटि नमन. करोड़ों युवाओं को मां भारती के इन वीर सपूतों की शहादत ने स्वाधीनता आंदोलन के लिए प्रेरित किया. भारतीय इतिहास में इनका सर्वोच्च बलिदान सदैव अमर रहेगा.

आपको बता दें कि भगत सिंह और उनके साथियों ने आजादी की लड़ाई के वक्त जब ‘पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल’ के खिलाफ असेंबली में बम फेंके थे तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. इसी आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई और तय वक्त से एक दिन पहले भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 23 मार्च 1931 को फांसी दे दी गई थी.