माकपा की छात्र शाखा एसएफआई के करीब 30 सदस्य कोच्चि में एशियानेट टीवी के कार्यालय में घुस गए और कर्मचारियों को धमकाया। सूत्रों ने यह जानकारी दी। कार्यकर्ताओं ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार न करने पर कर्मचारियों को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। उन्होंने कार्यालय के अंदर भी बैनर लगा दिया।
एसएफआई के कार्यकर्ता लंबे समय से व्यावसायिक शहर के व्यस्त हिस्से में स्थित कार्यालय के पास डेरा डाले रहे, लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें हटाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।
इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विपक्ष के नेता वी.डी.सतीशन ने कहा कि यह मुख्यमंत्री पिनारी विजयन के अहंकार को दर्शाता है। 2021 में उन्हें दूसरा कार्यकाल मिलने के बाद से ही इस तरह के अलोकतांत्रिक कृत्य शुरू हो गए हैं।
विजयन और उनकी सरकार का पूरा समर्थन मिलने से असामाजिक तत्वों का हौसला बढ़ जाता है। हम राज्य सरकार के इस कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं, जो मीडिया से घबरा गई है।
सतीशन ने कहा, मीडिया को अपना काम करने का अधिकार है और वह न सिर्फ सरकार बल्कि विपक्ष की भी आलोचना करता है। यह विजयन की सरासर असहिष्णुता है, जो अक्सर मीडिया की स्वतंत्रता की बात करते हैं, लेकिन अब ऐसा लगता है कि यह उनके लिए नहीं, बल्कि अन्य सभी के लिए लागू होता है। यह विजयन और माकपा का पाखंडी रूप है।
इस बीच, पत्रकारों के विभिन्न निकायों ने एसएफआई द्वारा किए गए इस कृत्य की निंदा की है और राज्यव्यापी विरोध का आह्वान किया है।
सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के संयोजक ई.पी. जयराजन और राज्य के एक पूर्व उद्योग मंत्री ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि क्या हुआ है।
एआईसीसी महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि दिल्ली में यही देखने को मिलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने खिलाफ बोलने वालों का मुंह बंद कर देते हैं
वेणुगोपाल ने कहा, दोनों एक ही ट्रैक पर काम कर रहे हैं।
कोच्चि पुलिस ने एसएफआई के कई कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज किया है।
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Source : IANS