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धन के निलंबन के कारण रुकी हुई हैं कई अफगान बिजली परियोजनाएं

धन के निलंबन के कारण रुकी हुई हैं कई अफगान बिजली परियोजनाएं

Updated on: 25 Dec 2021, 09:15 AM

काबुल:

तालिबान द्वारा देश के अधिग्रहण के मद्देनजर एशियाई विकास बैंक (एडीबी), विश्व बैंक और अमेरिकी विकास सहायता से धन के निलंबन के कारण पिछले चार महीनों से अफगानिस्तान में कई बिजली आपूर्ति परियोजनाएं रुकी हुई हैं। राष्ट्रीय बिजली कंपनी के अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है।

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, दा अफगानिस्तान ब्रेशना शेरकट (डीएबीएस) के अधिकारियों ने कहा कि अफगानिस्तान में तुर्कमेनिस्तान की 500 केवी बिजली ट्रांसमिशन रुकी हुई परियोजनाओं में से एक है, जो तुर्कमेनिस्तान की सीमा से शेबर्गन के अकीना बंदरगाह और फिर कुंदुज के अल्वाजुन मैदान में बिजली स्थानांतरित कर रही थी।

अभी 10 फीसदी काम ही पूरा होना बाकी है।

टोलो न्यूज ने सफीउल्लाह अहमदजई के हवाले से कहा, 500 केवी लाइन परियोजना में से नब्बे प्रतिशत पूरा हो गया है और इसका केवल 10 प्रतिशत काम बाकी है। अगर एडीबी इसे अनुमति देता है, तो हम अगले छह महीनों में इसके शेष 10 प्रतिशत काम को पूरा कर सकते हैं।

अधिकारियों ने कहा कि काबुल में बिजली की कमी के पूर्ण समाधान के लिए 40 मिलियन डॉलर की लागत से दो और बिजली सब-स्टेशनों के निर्माण की आवश्यकता होगी।

अहमदजई ने कहा, अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, उन्होंने हमें अब तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है। हमने इन परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए अपनी सभी योजनाएं और वैकल्पिक तरीके प्रस्तुत किए।

काबुल वासियों ने कहा है कि इस सर्दी में बिजली की किल्लत बढ़ गई है।

राजधानी शहर के रहने वाले बोरहान ने टोलो न्यूज को बताया, बिजली नहीं आती, जब आती है तो हमें फायदा नहीं होता, रात 8 या 9 बजे आती है।

एक अन्य निवासी नूराका ने कहा, जब रात में बिजली की जरूरत होती है, तो कमरों में रोशनी करने और गर्म करने के लिए बिजली नहीं आती है। लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

देश के कुछ संस्थानों के मुताबिक, सीएएसए1000, टीएपीआई और टीएपी परियोजनाओं सहित करीब एक दर्जन अन्य प्रमुख परियोजनाओं पर काम भी रुका हुआ है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.