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सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने रोका कोरोना वैक्सीन का ट्रायल, ये है बड़ी वजह

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने Covid-19 की वैक्‍सीन (COVID-19 vaccine) को लेकर ट्रायल रोक दिया है.

Updated on: 10 Sep 2020, 05:08 PM

नई दिल्‍ली:

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने Covid-19 की वैक्‍सीन (COVID-19 vaccine) को लेकर ट्रायल रोक दिया है. एसआईआई ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि हम हालात का रिव्यू कर रहे हैं और जब तक astrazeneca दोबारा ट्रायल शुरू नहीं करती, तब तक भारत में हो रहे ट्रायल को रोक दे रहे हैं. हम ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के निर्देशों का पालन कर रहे हैं और आगे ट्रायल पर टिप्पणी नहीं करेंगे. आप बाकी अपडेट के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से बात कर सकते हैं.

ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके का परीक्षण निलंबित किए जाने पर सीरम इंस्टीट्यूट को डीसीजीआई का नोटिस

केंद्रीय औषधि नियामक ने फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका द्वारा ऑक्सफोर्ड कोविड-19 टीके का अन्य देशों में नैदानिक परीक्षण बंद किए जाने और टीके के ‘गंभीर प्रतिकूल प्रभावों की खबरों’ के संबंध में सूचना नहीं देने को लेकर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

ऐसी खबरें हैं कि ब्रिटेन में टीका परीक्षण में शामिल एक व्यक्ति पर इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के बाद कोविड-19 टीके का परीक्षण रोक दिया गया है, इसके बाद एसआईआई को यह कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. इस टीके को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित किया जा रहा है.

भारत के औषधि महानियंत्रक डॉक्टर वी. जी. सोमानी ने कारण बताओ नोटिस में सीरम इंस्टीट्यूट से पूछा है कि मरीजों की सुरक्षा की गारंटी होने तक, देश में टीके के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के लिए दी गयी अनुमति को निलंबित क्यों ना किया जाए.

पीटीआई के पास उपलब्ध कारण बताओ नोटिस की प्रति के अनुसार, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने केन्द्रीय लाइसेंसी प्राधिकार को अभी तक एस्ट्राजेनेका द्वारा अन्य देशों में टीके का परीक्षण निलंबित किए जाने की सूचना नहीं दी है और मरीजों पर इसके प्रतिकूल प्रभाव के संबंध में कोई रिपोर्ट भी नहीं सौंपी है.

नोटिस में नयी औषधि और नैदानिक परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधान 30 के तहत सीरम इंस्टीट्यूट से पूछा गया है कि दो अगस्त को दी गयी परीक्षण की मंजूरी को मरीजों की सुरक्षा तय होने तक स्थगित क्यों ना कर दिया जाए. डीजीसीआई ने तत्काल जवाब तलब करते हुए कहा, जवाब नहीं मिलने पर यह माना जाएगा कि आपके पास कहने को कुछ भी नहीं है और फिर आपके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.

कारण बताओ नोटिस में नियामक ने यह भी कहा है कि जिन भी देशों में नैदानिक परीक्षण चल रहा था, उन्हें रोक दिया गया है. टीके का परीक्षण अमेरिका, ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में भी चल रहा था. डीसीजीआई द्वारा जारी कारण बताओ नोटिस के संबंध में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा है कि हम डीसीजीआई के निर्देशानुसार काम कर रहे हैं और अभी तक हमसे परीक्षण रोकने को नहीं कहा गया है. अगर डीसीजीआई को कोई सुरक्षा संबंधी चिंता है तो हम उनके निर्देशों का अनुसरण करेंगे और मानक प्रक्रिया का पालन करेंगे.

नियामक ने पिछले महीने पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट को कोरोना वायरस संक्रमण के टीके के दूसरे और तीसरे चरण के मानव क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति दी थी. ब्रिटिश-स्वीडिश बायोफार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने टीके का उत्पादन करने के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ करार किया है और उसने परीक्षण को रोकने की वजह बतायी है कि यह ‘‘अनजान बीमारी’’ होने के बाद की सामान्य प्रक्रिया है.

ऑक्सफोर्ड टीके के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ करार करने वाले सीरम इंस्टीट्यूट ने आज दिन में कहा था कि वह भारत में परीक्षण जारी रखेगी. एस्ट्राजेनेका द्वारा ब्रिटेन में परीक्षण रोके जाने के संबंध में सीरम इंस्टीट्यूट ने अपने बयान में कहा कि हमें ब्रिटेन में हो रहे परीक्षणों पर ज्यादा टिप्पणी नहीं कर सकते हैं, लेकिन उन्हें समीक्षा के लिए फिलहाल रोक दिया गया है और आशा है कि वह जल्दी शुरू होंगे. बयान में कहा गया है, ‘‘जहां तक बात भारत में परीक्षण की है, यह जारी है और हमें अभी तक कोई दिक्कत नहीं आयी है.