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कोरोना वैक्सीन बनाने वाली इस कंपनी ने PM मोदी और बोरिस जॉनसन की जमकर की तारीफ

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' के आपातकालीन उपयोग के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है.

Updated on: 04 Jan 2021, 02:26 PM

नई दिल्ली:

दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया  (Serum Institute of India-SII) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अदार पूनावाला  (Adar Poonawalla) ने कोविशील्ड (Covishield) वैक्सीन को भारत-ब्रिटेन संबंधों को समर्पित किया है.

बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' के आपातकालीन उपयोग के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है. 

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अदार पूनावाला ने कहा कि कोविशील्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और बोरिस जॉनसन के विजन को समर्पित है. बता दें कि भारत में केडिला हेल्थकेयर को तीसरे चरण के ​क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति भी मिल गई है. गौरतलब है कि डीसीजीआई की मंजूरी मिलने के बाद अदार पूनावाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन का धन्यवाद किया था.  

कोविशील्ड (Covishield)

सीरम इंस्‍टीट्यूट ऑफ इंडिया ने ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविशील्‍ड वैक्‍सीन बनाई है. इस वैक्‍सीन का आधिकारिक नाम AZD1222 है. 'कोविशील्ड' ट्रायल में 90% तक असरदार है और सभी उम्र के लोगों पर कारगर है. इसका रखरखाव अन्‍य वैक्‍सीन के मुकाबले काफी आसान है. इसे सामान्य तापमान पर भी स्टोर किया जा सकता है. दूसरी ओर, मॉडर्ना और फाइजर की ओर से विकसित वैक्सीन के रखरखाव के लिए -20 से -80 डिग्री तक के तापमान की जरूरत होती है. इसकी एक डोज की कीमत करीब 500 रुपये होगी, तो फाइजर की एक डोज की कीमत 19.50 डॉलर यानी करीब 1450 रुपये और मॉडर्ना की वैक्सीन की कीमत 25 से 37 डॉलर यानी करीब 1850-2700 रुपये के बीच होगी.

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सीरम इंस्टीट्यूट भारत सरकार को 200 रुपये में एक डोज देगी यानी दो डोज की वैक्सीन 400 रुपये होगी. यह रेट केवल सरकार के लिए है, क्‍योंकि सरकार सीरम से करोड़ों डोज खरीद रही है. कोई प्राइवेट कंपनी वैक्सीन की डोज खरीदती है तो 1 हजार रुपये एक डोज के लिए देने होंगे. यानी किसी प्राइवेट जगह से वैक्सीन लेने का खर्च 2 हजार रुपये होगा.

कोवैक्सीन (Covaxine)

कोवैक्सीन (Covaxine) भारत की दूसरी वैक्‍सीन है, जिसके इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिली है. चिकित्सा अनुसंधान निकाय ICMR के सहयोग से भारत बायोटेक ने इस वैक्‍सीन को विकसित किया है. भारत बायोटेक ने नवंबर के मध्य में Covaxine के तीसरे चरण का ट्रायल शुरू किया था. हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक इससे पहले पोलियो, रोटा वायरस और ज़ीका वायरस का वैक्‍सीन विकसित कर चुकी है. कोवैक्सीन की अनुमानित कीमत 100 रुपये के आसपास बताई जा रही है.