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सीरम इंस्टीट्यूट ने मीडिया अटकलों पर लगाया विराम, कहा ' वैक्सीन निर्माण क्षमता बढ़ाने को प्रतिबद्ध'  

मीडिया के इन ख़बरों पर आज विराम लगते हुए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने दावा किया कि की इस तरह की खबर बेबुनियाद है और  सीरम इंस्टीट्यूट अपनी वैक्सीन निर्माण क्षमता  को बढ़ाते हुए देश के हर एक नागरिक की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध है.

Updated on: 03 May 2021, 04:16 PM

दिल्ली :

देश में कोरोना चारों ओर कहर बरपा रहा है. लोग अस्पतालों (Hospitals) में बेड और ऑक्सीजन (Oxygen) की किल्लत से दो - चार हो ही रहें कि अब कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) की कमी भी सामने आने लगी है. कई राज्यों में 1 मई से 18 वर्ष से ऊपर वालों के लिए वैक्सीन अभियान की शुरुआत नहीं हो पाई. कई राज्यों में टीकों के अभाव में 18+ वालों का वैक्सीनेशन शुरू नहीं हो सका है. इसी बीच मीडिया में ख़बरें चलने लगी है कि भारत सरकार के तरफ पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट को वैक्सीन के लिए कोई आर्डर नहजी दिया गया है. मीडिया के इन ख़बरों पर आज विराम लगते हुए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ने दावा किया कि की इस तरह की खबर बेबुनियाद है और  सीरम इंस्टीट्यूट अपनी वैक्सीन निर्माण क्षमता  को बढ़ाते हुए देश के हर एक नागरिक की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध है.

दरअसल इससे पहले प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि मीडिया में चल रहे खबर जिसके अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट को वैक्सीन के लिए  कोई फ्रेश आर्डर नहीं दिया गया है, बिलकुल बेबुनियाद एवं तथ्यहीन है. इस खबर पर सीरम इंस्टीट्यूट ने भी कहा कि हम देश के हर एक नागरिक की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.  सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि हम भारत सरकार के साथ लगातार काम कर रहे हैं और अपनी वैक्सीन निर्माण क्षमता को बढ़ा सकें जिससे सभी की जान बचायी जा सके. सीरम इंस्टीट्यूट ने माना है कि भारत सरकार के तरफ से वैक्सीनका आर्डर मिला है. 

इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) का इस संबंध में कहना है कि भारत को अगले कुछ महीनों तक वैक्सीन की कमी का सामना करना पड़ सकता है. अदार पूनावाला ने कहा कि 10 करोड़ वैक्सीन निर्माण की क्षमता जुलाई से पहले नहीं बढ़ने वाली. बता दें कि मौजूदा वक्त में 6 से 7 करोड़ वैक्सीन का उत्पादन हो रहा है.
वैक्सीन की कमी के लिए सीरम इंस्टीट्यूट को दोधी ठहराए जाने पर पूनावाला ने कहा कि वैक्सीन नीति सरकार द्वारा बनाई गई थी. उन्होंने कहा टीके की किल्लत के लिए मेरी आलोचना की गई, मुझ पर सवाल उठाए गए जबकि हकीकत यह है कि पहले वैक्सीन की मांग ही नहीं थी, हमें नहीं लगा था कि कभी इतने बड़े पैमाने पर वैक्सीन चाहिए होगी.