logo-image

कोरोना के Omicron के लिए बूस्टर डोज ला सकता है सीरम इंस्टीट्यूट 

अदार पूनावाला ने कहा है कि फिलहाल लोगों को कोरोना के दोनों टीके लेने पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने कहा कि संभव है कि ओमीक्रॉन वेरिएंट के लिए अलग से वैक्सीन तैयार करने की जरूरत ही न पड़े. 

Updated on: 01 Dec 2021, 12:34 PM

नई दिल्ली:

कोरोना का ओमीक्रॉन वेरिएंट दुनिया के कई देशों में अपना कहर बरपा रहा है. भारत में भी इसे लेकर सतर्कता बरती जा रही है. सीरम इंस्टीट्यूट ओमीक्रॉन के लिए बूस्टर वैक्सीन लाने की तैयारी कर रहा है. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ ने एक इंटरव्यू में कहा कि इस वेरिएंट पर शोध हो रहा है. इसे पूरा होने में कम से कम दो सप्ताह का समय लगेगा. इसके बाद इस नतीजे पर पहुंचा जाएगा कि किया इस वेरिएंट के लिए वैक्सीन की जरूरत हैं. अगर जरूरत हुए तो वैक्सीन तैयार कर ली जाएगी.   

6 महीने का लग सकता है समय 
अदार पूनावाला के मुताबिक ओमीक्रॉन वेरिएंट को लेकर शोध जारी हैं. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इसकी बूस्टर डोज तैयार की जाएगी. इसे तैयार होने में छह महीने का समय लग सकता है. उन्होंने कहा कि अभी इस बात को लेकर रिसर्च किया जा रहा है कि ओमीक्रॉन के लिए तीसरी या चौथी डोज की जरूरत होगी या सिर्फ बूस्टर डोज से इसे काबू किया जा सकेगा. पूनावाला ने कहा कि हाल में लैंसेट की रिपोर्ट सामने आई है. इसमें कहा है कि कोविशील्ड को कोरोना के खिलाफ 63 फीसद असरदार पाया गया है. पूनावाला ने कहा कि जिन लोगों ने कोरोना की एक वैक्सीन लगवाई है या एक भी नहीं लगवाई है वह इसे लगवा लें.  

बता दें कि टीका बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने अब तक कोविशील्ड की 1.25 अरब खुराकों का उत्पादन किया है. कंपनी ने बीते दिन कहा कि कहा कि यह निर्णय इस वर्ष के अंत तक कोवशील्ड की 100 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने के लक्ष्य को पूरा करने पर निर्भर था. कंपनी ने पुणे के अपने संयंत्र पर उत्पादन क्षमता के तेजी से विस्तार के माध्यम से इस लक्ष्य को समय से पहले ही हासिल कर लिया है.