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अमेरिकी स्टॉक और बॉन्ड में निवेश से टूटने लगा सेंसेक्स और निफ्टी

सेंसेक्स सुबह करीब 30 अंकों की गिरावट के साथ खुला वहीं निफ्टी करीब 20 अंक की कमजोरी के साथ 8056 के निचले स्तर को छू गया।

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Abhishek Parashar
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अमेरिकी स्टॉक और बॉन्ड में निवेश से टूटने लगा सेंसेक्स और निफ्टी
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हफ्ते के पहले दिन शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है। वहीं डॉलर के मुकाबले रूपये में भी कमजोरी का दौर जारी है। कमजोर वैश्विक संकेतों और नोटबंदी के बाद इकनॉमी पर पड़ने वाले असर की आशंका के बीच सेंसेक्स सुबह करीब 30 अंकों की गिरावट के साथ खुला वहीं निफ्टी करीब 20 अंक की कमजोरी के साथ 8056 के निचले स्तर को छू गया।

अगले कुछ घंटों में ही बिकवाली के दबाव के कारण सेंसेक्स 350 अंक तक टूट गया। सेंसेक्स में सबसे अधिक टूटने वाले शेयरों में अदानी पोर्ट्स, टाटा स्टील, एसबीआई, टाटा मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और मारुति के शेयर रहे जिनमें 2.5 पर्सेंट से 5 पर्सेंट तक की कमजोरी आई।

पिछले पांच सत्र में सेंसेक्स 1367 अंक तक टूट चुका है। इस बीज जेफ्रीज ने कहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी लड़ाई नोटबंदी के आगे तक जाएगी। इसके साथ ही जेफ्रीज ने अगले 6 महीनों के लिए निफ्टी के लक्ष्य को घटाकर 7500 कर दिया है।

मिड कैप और स्मॉल कैप में आई गिरावट की वजह से सेंसेक्स दबाव में दिखा। सेंसेक्स में आई कमजोरी का असर रुपये की सेहत पर भी दिखा। बैंकिंग इंडेक्स में जबरदस्त 600 अंकों की गिरावट आई। एसएंडपी बैंकेक्स में बैंक ऑफ बड़ौदा और पीएनबी में करीब 7.5 फीसदी तक की गिरावट आई। ऑटो इंडेक्स में भी जबरदस्त 550 अंकों की गिरावट आई। बीएसई ऑटो इंडेक्स फिलहाल 19295 पर ट्रेड कर रहा है।

टारगेट में कटौती

बाजारों में आई गिरावट की प्रमुख वजह सेंसेक्स के टारगेट में कटौती रही। डॉयचे बैंक ने सेंसेक्स के टारगेट को 27000 से घटाकर 25000 कर दिया है। इसके साथ ही अमेरिकी डॉलर में आई मजबूती और अमेरिकी बॉन्ड दरों में जारी उछाल की वजह से उभरती अर्थव्यवस्थाओं से निवेश का बाहर जाना जारी है।

दुनिया की सभी उभरती अर्थव्यवस्थाओं से फंड की निकासी का दौर जारी है। ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद निवेशक अमेरिकी स्टॉक को खरीदने में पैसा लगा रहे हैं। नवंबर महीने में अभी तक विदेशी निवेशकों ने करीब 10,000 करोड़ रुपये की बिकवाली की है। वहीं अक्टूबर महीने में विदेशी निवेशकों ने 5000 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी।

राजनीतिक कारणों से टूटा सेंसेक्स

नोटबंदी के बाद संसद के शीतकालीन सत्र का पहला तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुका है। सरकार ने जीएसटी समेत 19 बिलों को संसद में बहस के लिए सूची में शामिल कर रखा है।
हालांकि विपक्षी दलों की एकजुटता के आगे सरकार का फ्लोर मैनेजमेंट पस्त होता हुआ दिख रहा है।

आने वाले दिनों में संसद में हंगामे के आसार है। विपक्ष नोटबंदी को मुद्दा बना चुका है और सरकार इस मामले में किसी तरह से अपने कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं दिख रही है।

HIGHLIGHTS

  • हफ्ते के पहले दिन ही सेंसेक्स में 350 से अधिक अंकों की गिरावट आई है
  • अमेरिकी बॉन्ड और स्टॉक में निवेश के कारण एशियाई बाजार टूट रहे हैं

Source : News Nation Bureau

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