वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा को खत लिखकर कोर्ट प्रैक्टिस छोड़ने की बात कही है। राजीव धवन अयोध्या भूमि विवाद में मुस्लिम पक्षकारो की ओर से पेश हुए थे।
इसके अलावा धवन केंद्र-दिल्ली सरकार अधिकार विवाद मामले में दिल्ली सरकार की ओर से भी पेश हुए थे।
गुरुवार को चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले की सुनावाई के दौरान कुछ वरिष्ठ वकीलों के व्यवहार पर खेद जताते हुए उनके आचरण को 'शर्मनाक' बताया था।
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आपको बता दें कि अधिवक्ता राजीव धवन ने शीर्ष अदालत से कहा था कि केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच दिल्ली की प्रशासनिक शक्तियों को लेकर कशमकश के मामले में किसी फैसलों विचार नहीं करते, जिसका वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने विरोध किया था।
इंदिरा जयसिंह ने विरोध करते हुए धवन से कहा था कि वह किसी फैसले को लेकर अक्खड़ रुख अख्तियार नहीं कर सकते।
गौरतलब है कि सिब्बल, धवन और दवे ने राम जन्मभूमि मामले में सुनवाई 2019 के आम चुनाव तक स्थगित करने की मांग की थी। लेकिन उच्चतम न्यायालय ने भगवान रामलला की ओर से मामले की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता सी.एस. वैद्यनाथन को दलील पेश करने की कार्यवाही शुरू करने को कहा था।
बाद में मामले में सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तारीख मुकर्रर की गई।
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Source : News Nation Bureau