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...तो अब भारतीय विमानों पर नहीं दिखेगा ब्रिटेन की गुलामी का यह चिन्ह !

आजादी के 75 सालों बाद भी भारतीय विमानों के ऊपर गुलामी का प्रतीक वीटी साइन आज भी नजर आता है. इस VT साइन का अर्थ है विक्टोरियन या वायसराय टेरिटरी. यह भारत पर ब्रिटिश राज को प्रतिबिंबित करता है.

Updated on: 23 Jun 2022, 07:24 PM

highlights

  • रतीय विमानों से VT साइन हटाने के लिए याचिका दाखिल
  • VT साइन मतलब है कि विक्टोरियन या वायसराय टेरिटरी
  • VT साइन लगे होने का मतलब है भारत पर ब्रिटिश का राज

नई दिल्ली:

आजादी के 75 सालों बाद भी भारतीय विमानों के ऊपर गुलामी का प्रतीक वीटी साइन आज भी नजर आता है. इस VT साइन का अर्थ है विक्टोरियन या वायसराय टेरिटरी. यह भारत पर ब्रिटिश राज को प्रतिबिंबित करता है. गुलामी के प्रतीक इस VT  साइन को विमानों से हटाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दाखिल की है.

छोटे-छोटे देशों तक ने वीटी साइन को हटा दिया है
वरिष्ठ वकील उपाध्याय की दलील है कि यह साइन ब्रिटिश विरासत का प्रतीक है. सिर्फ भारत में ही यह साइन विमानों पर बाकी रह गया है, बाकी ब्रिटिश उपनिवेश रह चुके सभी देशों ने कॉल साइन छोड़ दिया है. दरअसल, अंग्रेजों ने अपने सभी उपनिवेशों के लिए V से शुरू होने वाले शब्दों का कोड बनाया था, ताकि विक्टोरियन परचम का मैसेज पूरी दुनिया को दे सकें. यही वजह है कि आजादी के बाद ज्यादातर देशों ने विक्टोरियन साइन को मिटा दिया, जिनमें नेपाल, पाकिस्तान, चीन और श्रीलंका भी शामिल हैं. लेकिन, हैरान करने वाली बात ये है कि भारत में अब भी इस चिन्ह का इस्तेमाल हो रहा है. भारत में रजिस्टर्ड होने वाले सभी एयरक्राफ्ट पर पिछले वाले दरवाजे और खिड़की के ऊपर ये vt साइन आज भी नजर आता है.

याचिका में बताया गया राष्ट्रीय शर्मिंदगी का विषय
याचिका में कहा गया है कि यह कोड 1929 में ब्रिटिश शासकों ने हमें दिया था, लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि भारत जैसा एक संप्रभुता सम्पन्न राष्ट्र आज भी ब्रिटिश दासता के प्रतीक इस VT साइन ढो रहा है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने साल 2004 में इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन से इस कोड को बदलने के लिए लेटर लिखा था, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला. आज भी भारत के प्रधानमंत्री भी जब विदेश यात्रा पर जाते हैं तो उनके विमान पर ये VT साइन नजर आता है, ये राष्ट्रीय शर्मिंदगी की तरह है. अगर कोर्ट ने वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय की दलीलों को मान लिया तो हो सकता है कि भारतीय विमानों से जल्द ही गुलामी का चिन्ह नजर नहीं आए.