logo-image

गिरीश मुर्मू बने जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल, जानिए उनका गुजरात कनेक्शन

60 वर्षीय गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अफसर हैं.

Updated on: 25 Oct 2019, 11:16 PM

highlights

  • गिरीश चंद्र मुर्मू बनें जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल
  • 31 अक्टूबर को पदभार ग्रहण करेंगे मुर्मू
  • 5 अगस्त को ऑर्टिकल 370 किया गया था निष्प्रभावी

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक का तबादला गोवा कर दिया गया है. जबकि उनकी जगह अब जम्मू-कश्मीर में पहले उपराज्यपाल वरिष्ठ आईएएस अधिकारी गिरीश चंद्र मुर्मू को दी गई है. आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर 31 अक्टूबर से विशेष राज्य से हटकर नए केंद्र शासित प्रदेश के रूप में जाना जाएगा. 60 वर्षीय गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा अफसर हैं. गिरीश चंद्र मुर्मू ओडिशा राज्य के सुंदरगढ़ जिले के रहने वाले हैं. उन्होंने उत्कल यूनिवर्सिटी से परास्नाकत की डिग्री हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बर्मिघम से एमबीए की पढ़ाई भी की थी. मुर्मू गुजरात कैडर के अधिकारी हैं. गिरीश चंद्र मुर्मू नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल बनाए गए हैं.

गुजरात में अहम पद थे मुर्मू
गिरीश चंद्र मुर्मू देश के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात में मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके प्रधान सचिव रहे हैं. आपको बता दें कि मौजूदा समय मुर्मू वित्त विभाग में व्यय विभाग के सचिव हैं. उन्होंने इस साल के शुरुआत में इस पद को संभाला था, जबकि पिछले साल नवंबर में ही उनके नाम का ऐलान हो गया था. बहुत कम लोगों को ही यह बात मालूम होगी कि गिरीश चंद्र मुर्मू की गिनती प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी अफसरों में होती है और उन्हें मोदी के कार्यकाल के दौरान गुजरात में बहुत ही अहम जिम्मेदारी दी गई थी.

यह भी पढ़ें-केंद्र सरकार ने राधा कृष्ण माथुर को लद्दाख का पहला उपराज्यपाल बनाया 

पीएम मोदी के खास अफसरों में शुमार किए जाने वाले मुर्मू तब चर्चा में आए जब सरकारी खजाना बिलकुल खाली हो गया था और सरकार को पैसों की कमी दूर करने का संकट बन गया था ऐसे में जुलाई में उन्हें यह अहम जिम्मेदारी दी गई कि वो सरकारी खजाने में इजाफा करें. मुर्मू ने तभी 15वें वित्त आयोग के तहत केंद्र के लिए ज्यादा राजस्व की सलाह दी थी. आपको बता दें कि बीते 5 अगस्त को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाए जाने के साथ ही जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया गया और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया. 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो नए केंद्र शासित राज्य बन जाएंगे.

यह भी पढ़ें-कंगाल पाकिस्तान ने अपने ही कारोबारियों के लिए खड़ी की ये नई मुसीबत