केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अपील के बाद पुलिस और विभिन्न सुरक्षा बलों से पूर्व में लूटे गए विभिन्न प्रकार के 140 हथियारों को मणिपुर के अलग-अलग जिलों में सरेंडर किया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
शाह ने गुरुवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर के अपने चार दिवसीय दौरे के अंतिम दिन सभी संबंधितों से अनुरोध किया कि वे अपने हथियार सुरक्षा बलों और प्रशासन को सौंप दें, अन्यथा हथियार रखने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, सरेंडर किए गए हथियारों में सेल्फ लोडिंग राइफल, कार्बाइन, एके और इंसास राइफल, लाइट मशीन गन, पिस्टल, एम16 राइफल, स्मोक/आंसू गैस गन, स्टेन गन और ग्रेनेड लॉन्चर शामिल हैं।
रक्षा अधिकारियों ने कहा कि पूरे मणिपुर में खुफिया सूचनाओं के आधार पर तलाशी अभियान जारी है।
रक्षा प्रवक्ता ने कहा, मणिपुर में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बलों ने निरस्त्रीकरण और कुकी उग्रवादियों के साथ हुए सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते के प्रावधानों को लागू करने की की नीति अपनाई है, जो पूरे मणिपुर में सुरक्षा के ²ष्टिकोण से तुरंत संबोधित किए जाने वाले केंद्र बिंदु हैं।
उन्होंने कहा कि हथियारों की जल्द बरामदगी के लिए इनपुट मिलने पर त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए खुफिया सूत्रों को सक्रिय कर दिया गया है और समर्पित कॉलम को तैयार रखा गया है।
रक्षा पीआरओ ने कहा, समझौते में निर्धारित हथियारों की उपलब्धता और कैडरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए एसओओ समझौते के तहत कुकी उग्रवादियों के नामित शिविरों में औचक निरीक्षण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने कुकी उग्रवादियों से शांति बनाए रखने के लिए कैडर द्वारा किए गए समझौते के प्रावधानों का पालन करने को कहा।
उन्होंने कहा, गृह मंत्री के निदेशरें के अनुसार, सुरक्षा बलों ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू करने की विस्तृत योजना तैयार की है।
गृह मंत्री ने गुरुवार को घोषणा की कि मणिपुर सरकार के मुख्य सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह की अध्यक्षता में, जो एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी और सीआरपीएफ के पूर्व प्रमुख हैं, एक अंतर-सुरक्षा एजेंसी एकीकृत कमान का गठन किया जाएगा जो सुरक्षा संबंधी सभी कार्यों का निष्पक्ष संचालन करेगा।
केंद्र और मणिपुर सरकार द्वारा तीन संगठनों कुकी नेशनल आर्मी (केएनए), जोमी रिवॉल्यूशनरी आर्मी (जेडआरए) और कुकी रिवॉल्यूशनरी आर्मी (केआरए) के साथ के साथ त्रिपक्षीय सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशन (एसओओ) समझौते पर 22 अगस्त 2008 को हस्ताक्षर किए जाने के बाद मणिपुर में अलग-अलग चिह्न्ति शिविरों में 2,266 कुकी कैडर रह रहे हैं।
इम्फाल में अधिकारियों ने कहा कि मणिपुर के किसी भी जिले में किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं है। इम्फाल पश्चिम और इम्फाल पूर्वी जिले सहित अधिकांश जिलों में कर्फ्यू में सात से 12 घंटे की ढील दी गई है। तामेंगलोंग, नोनी, सेनापति, उखरुल और कामजोंग जिलों में अब कर्फ्यू नहीं है।
अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में 13 जिलों में सामुदायिक हॉल सहित 270 से अधिक राहत शिविरों में विभिन्न समुदायों के लगभग 37,450 लोगों को आश्रय दिया जा रहा है।
मणिपुर ने 3 मई से अभूतपूर्व जातीय हिंसा देखी थी, जिसमें कम से कम 80 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हो गए थे। इसके अलावा लगभग दो हजार घरों, बड़ी संख्या में सरकारी और निजी संपत्तियां तथा वाहनों को आग लगा दी गई थी।
मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर द्वारा 11 पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद राज्य में हिंसा भड़क गई।
इससे पहले राज्य सरकार द्वारा कुकी ग्रामीणों को आरक्षित वन भूमि से बेदखल करने पर तनाव के कारण चार जिलों में कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे।
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Source : IANS