पुंछ में छिपे आतंकियों को गाइड कर रहे पाकिस्तान के रिटायर्ड सैनिककर्मी !

सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि पुंछ के जंगल में छुपे सभी आतंकवादी पूरी तरह है प्रशिक्षित हैं और इनके पीछे जो काम कर रहे हैं उनका नेतृत्व पाकिस्तान के सेवानिवृत्त सैनिककर्मी हो सकते हैं.

सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि पुंछ के जंगल में छुपे सभी आतंकवादी पूरी तरह है प्रशिक्षित हैं और इनके पीछे जो काम कर रहे हैं उनका नेतृत्व पाकिस्तान के सेवानिवृत्त सैनिककर्मी हो सकते हैं.

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Vijay Shankar
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poonch forest encounter

poonch forest encounter ( Photo Credit : File Photo)

जम्मू-कश्मीर के भाटा धूरियां जंगल में पिछले कुछ दिनों से अब तक का सबसे लंबा आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन चलाया जा रहा है जहां सुरक्षा एजेंसियां इन आतंकियों के साथ जूझ रही है. सुरक्षा एजेंसियों को भी संदेह है कि जंगल में छुपे सभी आतंकवादी पूरी तरह है प्रशिक्षित हैं और इनके पीछे जो काम कर रहे हैं उनका नेतृत्व पाकिस्तान के सेवानिवृत्त सैनिककर्मी हो सकते हैं. 11 अक्टूबर से शुरू हुआ यह ऑपरेशन 15वें दिन में प्रवेश कर गया है जहां सुरक्षा कर्मियों और भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के बीच लगातार फायरिंग हो रही है.

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इससे पहले दिसंबर 2008 में नौ दिनों तक भाटी धार ऑपरेशन चलाया गया था जबकि वर्ष 2009 में आतंकियों के खिलाफ सबसे लंबा ऑपरेशन चलाया गया था. हालांकि इस ऑपरेशन के दौरान सभी आतंकवादी भागने में सफल हो गए थे. सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों ने पहले से ही भारी नुकसान को देखते हुए वेट एंड वॉच पॉलिसी को अपनाया है. इस ऑपरेशन शुरू होने के बाद से दो जेसीओ सहित नौ सेना के जवान अब तक शहीद हो गए हैं.
 जबकि एक दिन पहले दो पुलिस कर्मी और सेना का एक जवान घायल हो गया था. वहीं जेल में बंद एक आतंकवादी, जिसे आतंकी ठिकाने की पहचान के लिए मुठभेड़ स्थल पर ले जाया गया था, फायरिंग में मारा गया था. यह गिरफ्तार आतंकी पाकिस्तानी नागरिक जिया मुस्तफा था जो पिछले 14 साल से जेल में बंद था. वहीं सुरक्षा बलों ने नौ दिनों में चार आतंकवादियों को मार गिराया है.

इस महीने के 11 अक्टूबर को शुरू हुए इस ऑपरेशन में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच दोनों तरफ से फायरिंग हो रही है. पुंछ जिले की सुरनकोट तहसील में घेराबंदी और तलाशी के दौरान एक जेसीओ सहित पांच जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान जारी रखी. इस बीच 14 अक्टूबर को फिर से आतंकियों और सुरक्षा कर्मियों के बीच गोलीबारी हुई जिसमें दो और सैनिक शहीद हो गए. मुठभेड़ स्थल से एक जेसीओ और एक जवान के शव बरामद किए गए थे. इस अभियान के लिए भारतीय सेना की ओर से विशेष रूप से प्रशिक्षित जवान को तैनात किया है. तलाशी अभियान के लिए पैरा कमांडो की इकाई और है ड्रोन और हेलीकॉप्टर का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. 

HIGHLIGHTS

  • आतंकियों के खिलाफ है अब तक सबसे लंबा ऑपरेशन
  • 11 अक्टूबर से शुरू हुआ यह ऑपरेशन 15वें दिन प्रवेश
  • सेना के जवानों और आतंकियों के बीच लगातार जारी है गोलीबारी
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