बिहार में गर्मी से मचा हाहाकार कई मौतों के बाद भी प्रशासन नहीं कर पाया उपाय, अब किया ये काम

पिछले दो दिनों के दौरान ही राज्य में 173 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

author-image
Ravindra Singh
एडिट
New Update
बिहार में गर्मी से मचा हाहाकार कई मौतों के बाद भी प्रशासन नहीं कर पाया उपाय, अब किया ये काम

हिन्दी में एक कहावत है कि धोबी पर बस नहीं चला तो गधे के कान उमेठे. यह कहावत बिहार के गया में अक्षरत: लागू होती दिखाई दे रही है. इस कहावत का मतलब इन दिनों बिहार सरकार सरकार के उस फरमान को लेकर है जो उन्होंने गया जिले में धारा 144 लगाकर दी है. बिहार में गर्मी और लू के थपेड़ों का बुरा प्रकोप जारी है. पिछले दो दिनों के दौरान ही राज्य में 173 से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इसके अलावा सूबे के अस्पतालों में अभी भी लू और गर्मी के शिकार सैकड़ों मरीज भर्ती हैं. इसी बीच शिक्षा विभाग ने 22 जून तक राज्य के सभी सरकारी स्कूल के बंद रहने के आदेश दे दिए हैं. गया में गर्मी को देखते हुए बिहार प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी है.

Advertisment

सूबे में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि भीषण गर्मी को देखते हुए सभी सरकारी स्कूल और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को 22 जून तक बंद रहने का आदेश दे दिया गया है. राज्य सरकार द्वारा जारी इस आदेश में कहा गया है, 'राज्य में पड़ रही भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए ग्रीष्मावकाश के बाद अपने जिले में अवस्थित सभी प्राथमिक से उच्च प्राथमिक स्तरीय विद्यालयों का संचालन आवश्यकतानुसार 30 जून तक सुबह की पाली में संचालित करने का निर्णय लिया गया था. राज्य में दिन-प्रतिदिन बढ़ रही गर्मी और लू को देखते हुए राज्य के सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में दिनांक 22 जून तक बच्चों के पठन-पाठन को बंद करने का निर्णय लिया गया है.' 

राज्य सरकार ने भीषण गर्मी एवं लू को देखते हुए सुबह 11:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक लोगों से घरों से बाहर न निकलने की अपील की है. सरकार ने इसके लिए एडवायजरी और निषेधाज्ञा जारी की है. भीषण गर्मी एवं लू का प्रभाव सामान्य होने तक दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए संपूर्ण गया ज़िला के अन्तर्गत आदेश जारी किया गया है.

बिहार में लू से मरने वाले लोगो में ज्‍यादातर लोगों की उम्र 60 साल से ज्यादा है. लू और गर्मी से इतनी बड़ी संख्‍या में लोगों की मौतों के बाद राज्‍य सरकार हरकत में आई है. बिहार सरकार ने सभी प्रभावित जिलों में मरीजों के लिए अतिरिक्‍त डॉक्‍टरों की तैनाती की है, इसके अलावा गांवों और शहरों में पीने का पानी पहुंचाने के लिए टैंकर लगाए हैं. वहीं बिहार में हड़ताल पर चल रहे डॉक्‍टरों ने अभी आश्‍वासन दिया है कि वे मरीजों का इलाज करेंगे. बिहार के नवादा और औरंगाबाद जिलों के अस्‍पतालों में 300 से ज्‍यादा मरीज भर्ती कराए गए हैं. साथ ही नए मरीज भी लगातार आते ही जा रहे हैं.  रविवार को ही 28 लोगों के मौत की खबर आई थी.

यह भी पढ़ें-बंगाल: कभी हां कभी ना के खेल के बीच हड़ताली डॉक्टर आज ममता बनर्जी से करेंगे मुलाकात

क्या है धारा 144
बिहार के गया जिले में डीएम ने भीषण गर्मी के हालात को देखते हुए धारा 144 लागू कर दी है. धारा 144 के तहत एक जगह पर 4 से ज्यादा लोग एक साथ इकट्ठा नहीं खड़े हो सकते हैं. ज्यादातर धारा 144 का उपयोग दंगों और कर्फ्यू के समय किया जाता है. लेकिन प्रशासन गर्मी के हालातों बचने में नाकाम सरकार ने इसका प्रयोग दूसरे तरीके से किया है ताकि लोग अपने घरों से बाहर न निकलें. इसके अलावा सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक सभी तरह के सरकारी और गैर सरकारी निर्माण कार्यों, मनरेगा के तहत मजदूरी का काम और खुली जगह में किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम या लोगों के इकट्ठा होने पर पाबंदी लगा दी गई है.

यह भी पढ़ें- वारदात: यूपी के प्रतापगढ़ में बदमाशों ने किसान की हत्या कर शव को जलाया

HIGHLIGHTS

  • बिहार में जारी है गर्मी का सितम
  • राज्य में पिछले दो दिनों के भीतर 173 से ज्यादा मौत
  • गया में प्रशासन ने लागू किया धारा 144
Patna News Aurangabad heat wave death heat wave in Bihar gaya section 144 heat wave bihar death heat wave bihar heat wave Section 144 in Gaya
      
Advertisment