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केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट की हिदायत, जेटली के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी न करें

मानहानि के दो आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हाईकोर्ट ने 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।

Updated on: 27 Jul 2017, 12:28 AM

highlights

  • अरुण जेटली की ओर से दाखिल मानहानि के मामले में हाईकोर्ट ने केजरीवाल पर लगाया 10 हजार रुपये का जुर्माना
  • हाईकोर्ट ने केजरीवाल को दी हिदायत, कहा - अरुण जेटली के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल न करें
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2 मानहानि का मुकदमा दायर किया है

नई दिल्ली:

मानहानि के दो आरोपों का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर हाईकोर्ट ने 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हिदायत देते हुए कहा कि वह अरुण जेटली के खिलाफ अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल न करें।

केजरीवाल पर जुर्माना वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली की ओर से दाखिल दूसरे मानहानि के मामले में जवाब नहीं दाखिल करने को लेकर लगाया गया है। आपको बता दें की 23 मई को हाईकोर्ट ने केजरीवाल को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों नहीं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलाया जाए।

लेकिन दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इस सबंध में अभी तक जवाब नहीं दाखिल किये हैं।

जस्टिस मनमोहन ने केजरीवाल के वकील को यह सुनिश्चित करने को कहा कि जिरह के दौरान कोई 'अशिष्ट या अपमानजनक' प्रश्न नहीं उठाए जाएं और जेटली का अपमान न किया जाए।

जेटली द्वारा आम आदमी पार्टी (आप) के नेता केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का मामला दायर किया गया है। मामले में केजरीवाल के नए वकील अनूप जॉर्ज चौधरी ने स्वीकार किया कि टिप्पणी 'अपमानजनक' थी।

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उन्होंने अदालत को भरोसा दिया कि आगे जिरह सम्मानजनक तरीके से की जाएगी और कोई अपमानजनक प्रश्न नहीं पूछे जाएंगे।

अदालत ने कहा कि जेटली से जिरह 28 जुलाई को तय थी, जिसे चार हफ्ते के लिए स्थगित रखने की अनुमति दी गई, ताकि नए वकील दस्तावेजों को समझ सकें। जेटली अदालत के समक्ष 28 अगस्त को जिरह के लिए मौजूद होंगे।

जस्टिस मनमोहन ने कहा कि उन्होंने इस तरह का अपमानजनक शब्द कभी किसी मुकदमे में नहीं देखा है। इसे इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। यह जिरह करने का तरीका नहीं है, उन्हें खुद पर नियंत्रण रखना होगा।

जस्टिस ने कहा, 'आप क्रूक (धूर्त) जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है। क्या आप जानते हैं कि यह एक असंसदीय शब्द है।'

उन्होंने केजरीवाल के वकील से शिष्टाचार बनाए रखने को कहा। जस्टिस ने कहा, 'कोई भी व्यक्ति जिरह में इस तरह के अशिष्ट, आक्रामक, अपमानजनक सवाल नहीं कर सकता।'

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में जिरह में 'जरा' भी अपमानजनक सवाल किए गए तो वह इस मामले को संयुक्त रजिस्ट्रार के पास से उच्च न्यायालय की एक पीठ को स्थानांतरित कर देंगे।

चौधरी ने अदालत से कहा कि केजरीवाल ने जेठमलानी से क्रूक शब्द का इस्तेमाल करने के लिए कभी नहीं कहा।

आपको बता दें की केजरीवाल की तरफ से हाईकोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने 17 मई की सुनवाई के दौरान अरुण जेटली के लिए 'धोखेबाज' शब्द का इस्तेमाल किया था। जिससे आहत जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ दूसरा मानहानि का मुकदमा दायर किया था।

जेटली ने दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) मामले में केजरीवाल और आम आदमी पार्टी (आप) के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया है।

मामले की सुनवाई के दौरान जेठमलानी द्वारा जेटली के लिए 'धोखेबाज' शब्द का इस्तेमाल करने के बाद जेटली ने केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का एक और मानहानि का दावा कर दिया।

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