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पंचायत चुनाव को लेकर जम्मू -कश्मीर के शोपियां में तलाशी अभियान शुरू

जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले के छह गांवों में रविवार को सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इन तलाशी अभियानों का मकसद आबादी वाले इलाकों से आंतकवादियों को दूर रखना है

Updated on: 07 Oct 2018, 03:19 PM

श्रीनगर:

जम्मू एवं कश्मीर के शोपियां जिले के छह गांवों में रविवार को सुरक्षा बलों ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। इन तलाशी अभियानों का मकसद आबादी वाले इलाकों से आंतकवादियों को दूर रखना है. राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर), राज्य पुलिस के विशेष अभियान समूह और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान गनौपुरा, बालपुरा, श्रीमल, बार्थीपोरा, चेक और वाथू में अभियान चला रहे हैं. यह तलाशी अभियान जम्मू कश्मीर में कल होने वाले पंचायच चुनाव में धांधली और आतंकी हमले की आशंका को लेकर चलाया जा रहा है।

गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शनिवार को मांग की थी कि जम्मू-कश्मीर में निगम और पंचायत चुनावों का बहिष्कार कर रहे सभी प्रमुख राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त कर देनी चाहिए। बीजेपी प्रवक्ता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता ने यहां मीडिया से कहा, 'राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी को उन राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त कर देनी चाहिए, जिन्होंने शहरी नगर निकायों और पंचायत चुनावों के बहिष्कार की घोषणा की है।'

उन्होंने कहा, 'नेशनल कांफ्रेंस (एनसी), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) राज्य और राष्ट्रीय स्तर की पार्टियां हैं, जिनके पास चुनाव चिन्ह हैं।'

प्रवक्ता ने कहा, 'इन दलों के पास जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए (5) के मुताबिक सभी चुनावों में भागीदारी का अधिकार है।' गुप्ता ने कहा कि चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया की रीढ़ है और लोगों को अपनी इच्छा जाहिर करने का एक अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा, 'चुनाव का बहिष्कार कर ये राजनीतिक दल न केवल राज्य के लोगों के साथ धोखा कर रहे हैं, बल्कि संविधान का भी अपमान कर रहे हैं। इन राजनीतिक दलों ने मान्यता के लिए आवेदन करते वक्त संविधान की रक्षा का संकल्प लिया था।'

भाजपा नेता ने कहा कि इन राजनीतिक दलों द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रिया का दमन मानवाधिकार के उल्लंघन के बराबर है।

उन्होंने कहा, 'मुख्य चुनाव अधिकारी को तुरंत यह मुद्दा भारत निर्वाचन आयोग के समक्ष उठाना चाहिए, ताकि इन दलों की मान्यता समाप्त की जा सके और इनके चुनाव चिन्ह जब्त किए जा सकें।' राज्य में निगम चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान आठ अक्टूबर से शुरू होगा, जबकि पंचायत चुनाव नवंबर-दिसंबर में पूरे होंगे।