सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस हादसे में 60 से अधिक यात्री घायल
इस साल देश का यह 87वां रेल हादसा है।
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के रूरा रेलवे स्टेशन के पास बुधवार सुबह 5.20 बजे सियालदह-अजमेर एक्सप्रेस की 15 बोगियां पटरी से उतर गईं। हादसे में 60 से अधिक लोग घायल हो गए, जिनमें कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इस साल देश का यह 87वां रेल हादसा है, जिससे दुनिया की सबसे लंबी रेल नेटवर्क में से एक की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है।
रेलवे के अधिकारियों ने कहा कि हादसा उस वक्त हुआ, जब कानपुर से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर रूरा रेलवे स्टेशन के निकट एक सूखे नहर पर बने पुल को पार करते वक्त ट्रेन की 13 शयनयान बोगियां तथा दो जनरल बोगियां पटरी से उतर गईं।
यात्रियों से भरी कम से कम दो बोगी नहर में गिरने के बाद फंस गईं।
पुलिस महानिरीक्षक जकी अहमद ने कहा कि घटना में किसी की जान नहीं गई है।
अहमद ने आईएएनएस से कहा, 'लेकिन 61 यात्री घायल हो गए। गंभीर रूप से घायल 10 यात्रियों को कानपुर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल भेजा गया है।'
घायलों में चार साल की एक बच्ची भी है।
अधिकारियों ने कहा कि रेल के बेपटरी होने के कारणों का पता लगया जा रहा है।
ये भी पढ़ें- सुरेश प्रभु ने कानपुर रेल दुर्घटना की जांच के आदेश दिए
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने घटना के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच का आदेश दिया है।
20 नवंबर को कानपुर के पुखराया स्टेशन के निकट पटना-इंदौर एक्सप्रेस की 14 बोगियां पटरी से उतर गई थीं। इस घटना में 150 यात्रियों की मौत हो गई थी, जबकि 300 से अधिक यात्री घायल हो गए थे।
उत्तर रेलवे (एनआर) के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि लखनऊ से एक चिकित्सा ट्रेन को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया है।
स्थानीय प्रशासन तथा रेलवे के नेतृत्व में बचाव अभियान शुरू कर दिया गया और दोपहर में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को बुलाया गया। इस दुर्घटना से रेलवे यातायात खासा प्रभावित हुआ है।
कानपुर देहात के एसपी प्रभाकर चौधरी के अनुसार, डीजीपी के ट्वीट के बाद कानपुर और कानपुर देहात का पूरा प्रशासनिक अमला सतर्क हो गया। हादसे में ट्रेन का गार्ड भी गंभीर रूप से घायल हो गया है। घटना के कारणों का पता अभी नहीं चल सका है। इस मामले में कानपुर, इटावा और इलाहाबाद से राहत ट्रेन मौके पर रवाना कर दी गई है। हादसे के बाद दिल्ली-हावड़ा रूट ठप हो गया है।
ये भी पढ़ें- देश को झकझोर कर रखने देने वाले 10 सबसे बड़े रेल हादसे
ट्रेन के ड्राइवर प्रदीप कुलश्रेष्ठ ने बताया, 'पुखरायां रेल हादसे के बाद से इमरजेंसी ब्रेक लगाने की हिदायत दी गई थी। रूरा के बाद जब ट्रेन ने पटरी बदली तो अचानक काफी तेज जर्क लगा। ट्रेन की स्पीड ज्यादा नहीं थी, इमरजेंसी ब्रेक नहीं लगा सकते थे। लेकिन कुछ सेंकेड बाद ही तेज आवाज आने लगी। बाहर झांककर देखा तो बोगियां लड़खड़ा रही थीं। यह देख अचानक इमरजेंसी ब्रेक लगाया गया। अगर ब्रेक न लगाते तो काफी बड़ा हादसा हो सकता था।'
उत्तर मध्य रेलवे के अधिकारी अमित मालवीय ने आईएएनएस से कहा कि कम से कम 32 ट्रेनों का मार्ग बदल दिया गया है। रेलवे ने यात्रियों को कानपुर लाने के लिए 12 बस तथा यात्रियों को आगरा ले जाने के लिए पांच बसों की व्यवस्था की है।
रेल मंत्री तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अलग-अलग गंभीर रूप से घायल प्रत्येक यात्रियों के लिए 50-50 हजार रुपये तथा मामूली रूप से घायल यात्रियों के लिए 25-25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की है।
इस बीच, रेलवे मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद ने दिल्ली में कहा कि साल 2016 में अब तक 87 रेल हादसे हो चुके हैं। पिछले साल 51 रेल दुर्घटनाएं हुई थीं।
भारतीय रेल सालाना आठ अरब से अधिक यात्रियों को ढोती है और इसकी खस्ता हालत सुरक्षा के मद्देनजर चिंता का विषय है। रेलवे रोजाना 11 हजार ट्रेनों का परिचालन करता है, जिनमें सात हजार यात्री रेलगाड़ियां होती हैं।
बीते साल, सरकार ने पांच साल के लिए भारतीय रेलवे की सुरक्षा पर 1.27 लाख करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की थी, जो रोजाना 1.3 करोड़ यात्रियों की सेवा करती है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Love Rashifal 3 May 2024: इन राशियों के लिए आज का दिन रोमांस से रहेगा भरपूर, जानें अपनी राशि का हाल
-
Ganga Dussehra 2024: इस साल गंगा दशहरा पर बन रहा है दुर्लभ योग, इस शुभ मुहूर्त में स्नान करें
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीय के दिन करें ये उपाय, चुम्बक की तरह खिंचा चला आएगा धन!
-
First Hindu Religious Guru: ये हैं पहले हिंदू धर्म गुरु, भारत ही नहीं विश्व भी करता है इन्हें नमन