एससी एसटी कानून के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने के सु्प्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ केंद्र सरकार 2 अप्रैल को पुनर्विचार याचिका दायर करेगी।
यह याचिका सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय की ओर से दाखिल की जायगी। वहीं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि एससी-एसटी प्रटेक्शन ऐक्ट मामले में सरकार कल (2 अप्रैल) को पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकती है।
Review petition by the Government against the SC judgement on SC/ST Protection Act shall be filed positively on tomorrow, Monday, April 2
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) April 1, 2018
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने शुक्रवार को पुनर्विचार याचिका का हवाला देते हुए संगठनों से इस फैसले के खिलाफ कर रहे प्रदर्शनों को रोकने की अपील की थी।
सूत्रों ने बताया कि सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय के साथ कानून के अधिकारी लगातार इस पुनर्विचार याचिका को मजबूती के साथ पेश करने की तैयारी कर रहे हैं।
माना जा रहा है कि इस याचिका में यह तर्क दिया जा सकता है कि कोर्ट के फैसले से एससी और एसटी ऐक्ट 1989 के प्रावधान कमजोर हो जाएंगे। याचिका में सरकार यह भी तर्क दे सकती है कि कोर्ट के मौजूदा आदेश से लोगों में कानून का भय खत्म होगा और इस मामले में और ज्यादा कानून का उल्लंघन हो सकता है।
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी ऐक्ट के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताते हुए इसके तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी न किए जाने का आदेश दिया था।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने एससी/एसटी ऐक्ट के तहत दर्ज होने वाले केसों में अग्रिम जमानत को भी मंजूरी दे दी गई थी। जबकि मूल कानून में अग्रिम जमानत की व्यवस्था नहीं की गई है।
वहीं दर्ज मामले में गिरफ्तारी से पहले डिप्टी एसपी या उससे ऊपर के रैंक का अधिकारी आरोपों की जांच करेगा और फिर कार्रवाई होगी।
इस फैसले के आते ही सरकार विपक्ष के हासिये पर आ गई थी। कांग्रेस ने इस मामले में सरकार से पुनर्विचार याचिका दायर किए जाने की मांग की है। इसके अलावा बीजेपी के दलित सांसद भी पुनर्विचार याचिका के पक्ष में है।
वहीं पिछले बुधवार को कोर्ट के फैसले को लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की अगुवाई में दलित समुदाय के मंत्रियों व सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।
दलित संगठनों ने सोमवार को पूरे भारत में 'बंद' का आह्वान किया है जिसके बाद पंजाब सरकार ने ट्रांसपोर्ट और मोबाइल इंटरनेट जैसी सुविधाएं बंद करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान सीबीएसई बोर्ड के 10वीं और 12वीं के छात्रों का पेपर भी कैंसल किया गया है। इस पेपर को बाद में री शेड्यूूल किया जाएगा।
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HIGHLIGHTS
- एससी एसटी कानून के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेगी मोदी सरकार
- याचिका में दिया जा सकता है एससी और एसटी कानून कमजोर होने का तर्क
Source : News Nation Bureau