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मप्र कांग्रेस के सर्वे में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मिस्टर क्लीन बने

मप्र कांग्रेस के सर्वे में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मिस्टर क्लीन बने

Updated on: 09 Jul 2021, 03:30 PM

भोपाल 9 जुलाई:

मध्यप्रदेश में कांग्रेस लगातार भाजपा पर हमलावर हैं । भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी भाजपा को घेरने की रणनीति पर काम करते हुए कांग्रेस ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म ट्वीटर पर कांग्रेस ने भाजपा के चार नेताओं को लेकर सर्वे कराया है जिसमें भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा मिस्टर क्लीन बनकर सामने आए हैं।

राज्य में लगभग 15 माह तक कांग्रेस सत्ता में रही तो भाजपा को इतनी ही अवधि का बनवास काटना पड़ा। ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में 25 विधायकों द्वारा कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने से कमलनाथ के नेतृत्व की सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में आ गई। अब शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में भाजपा को सत्ता संभाले लगभग 15 माह का वक्त गुजर गया है और अब कांग्रेस, भाजपा और प्रदेश सरकार को घेरने में जुट गई है। कांग्रेस के निशाने पर भाजपा के बड़े नेता है।

कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार पर किसान विरोधी, गरीब विरोधी होने का आरोप लगाने के साथ तबादलों के नाम पर उगाही तक के आरोप लगाती रही है। अवैध खनन को भी कांग्रेस ने मुद्दा बनाया है । कांग्रेस ने सोशल मीडिया के प्लेटफार्म ट्विटर पर भ्रष्टाचार को लेकर एक सर्वे कराया और इसके लिए आम लोगों को चार नेताओं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा के नाम विकल्प के तौर पर दिए थे।

कांग्रेस की ओर से आधिकारिक तौर पर जारी किए गए डेटा के मुताबिक मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्विटर पर पूछे गए सवाल आपकी नजरों में इनमें से सबसे ज्यादा भ्रष्ट नेता कौन है इस पर 15184 लोगों ने राय जाहिर की है। इनमें से 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने शिवराज सिंह चौहान को भ्रष्ट बताया तो वही ज्योतिरादित्य सिंधिया को 34 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने भ्रष्ट बताया। इसके अलावा कैलाश विजयवर्गीय को लगभग 11 प्रतिशत लोगों ने भ्रष्टाचार के क्रमांक में तीसरे नंबर पर रखा, वही इन नेताओं में से प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को करीब पांच फीसदी लोगों ने भ्रष्ट नेता की श्रेणी में रखा है।

कांग्रेस की ओर से भ्रष्ट नेताओं को लेकर कराए गए सर्वे के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है, इन दिनों पूरी सरकार ही भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी हुई है, और आम जनता परेशान है । प्रदेश में जो सरकार भाजपा की बनी है, वह भी भ्रष्टाचार के रास्ते पर ही बनी है। इस सर्वे में मुख्यमंत्री सहित अन्य लोगों के इसलिए विकल्प के तौर पर नाम दिए गए क्योंकि बाकी लोग कहीं न कहीं सरकार में दखल दे रहे हैं, उनके कोटे से जो मंत्री बने हैं या वे उन नेताओं के लिए काम कर रहे हैं।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है, कांग्रेस की हालत किंकर्तव्य विमूंढ़ की है, जिसे न तो यह समझ में आता है कि क्या करें, क्या बोलें और क्या प्रतिक्रिया दे। इस देश में भ्रष्टाचार करने वाला नेता कौन है, देश की जनता जानती है। कांग्रेस को जनता की अदालत में नकारा जा चुका है। भ्रष्टाचार के मामले न्यायालय से पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष जमानत पर है।

एक वरिष्ठ नेता का तो आकलन ये है कि कांग्रेस की मंशा इस सर्वे के जरिए किसी और नेता का नाम भ्रष्ट नेताओं की सूची में सबसे उपर लाने की थी, लक्ष्य कुछ और था, मगर उसकी मंशा पूरी नहीं हो पाई। बल्कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष शर्मा को सबसे साफ सुथरा नेता के तौर पर पहचान दिला दी।

राजनीतिक विश्लेषक साजि थॉमस का कहना है, कांग्रेस विपक्षी दल है, स्वाभाविक है कि वह सत्ता पक्ष पर अपने सियासी हथियार से हमला करना चाहेगा। हालांकि, इस सर्वे पर इस बात को लेकर सवाल जरुर उठता है कि मुख्यमंत्री के अलावा जिन तीन भाजपा नेताओं के नाम विकल्प के तौर पर है उनकी राज्य की सत्ता में हिस्सेदारी तो है नहीं, तो फिर इनके नाम पर सर्वे क्यों कराया गया? बेहतर होता कि भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा वर्तमान सरकार के मंत्रियों को लेकर सर्वे होता। इससे सर्वे की विष्वसनीयता भी रहती और चर्चित चेहरों के नाम भी सामने आते। ऐसा लगता है कि इस सर्वे की राजनीतिक मंशा कुछ और रही होगी।

जानकारों का मानना है कि पिछले दिनों राज्य की सत्ता में बदलाव की बयार चल रही थी। भाजपा की ओर से ज्योतिरादित्य सिंधिया, विष्णु दत्त शर्मा के नामों की भी चर्चा थी, इसी को ध्यान में रखकर कांग्रेस ने यह सर्वे कराया।

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