दिल्ली: स्कूलों में मिशन बुनियाद, लाखों बच्चों के लनिर्ंग गैप को खत्म करने में मिली मदद
दिल्ली: स्कूलों में मिशन बुनियाद, लाखों बच्चों के लनिर्ंग गैप को खत्म करने में मिली मदद
नई दिल्ली:
मिशन बुनियाद कार्यक्रम ने कोरोना के दौरान पिछले 2 सालों में बच्चों में आए लनिर्ंग गैप को कम करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के साथ-साथ एमसीडी स्कूलों में भी मिशन बुनियाद का क्रियान्वयन काफी बेहतर तरीके से किया गया, जिसके शानदार नतीजे देखने को मिले हैं। दिल्ली की शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि स्कूलों में मिशन बुनियाद, लाखों बच्चों के लनिर्ंग गैप को खत्म करने में मिली मदद है।शिक्षा निदेशालय व एमसीडी के स्कूलों में मिशन बुनियाद की कक्षाओं को 2 महीने तक और संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली में प्राथमिक स्तर पर ज्यादातर बच्चे एमसीडी स्कूलों में ही होते है। कोरोना के पिछले 2 सालों में यहां बच्चों के लनिर्ंग में काफी गैप देखने को मिला। इस गैप को कम करना काफी चैलेंजिंग था।
दिल्ली सरकार के मुताबिक शिक्षकों ने इसपर बेहतर काम किया है। पूरी दिल्ली के लिए एक मिनिमम बेंचमार्क स्थापित करने की जरुरत है कि हमारे स्कूल चाहे वो एमसीडी के स्कूल हो या शिक्षा निदेशालय के स्कूल का हर बच्चा कम से कम भाषा व बुनियादी गणित में दक्ष हो। इसके लिए हर स्कूल प्रमुख अपनी खुद की एक योजना बनाए और उसके बेहतर कार्यान्वयन पर फोकस करें।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा आंकड़ों के अनुसार शिक्षा निदेशालय के स्कूलों के कक्षा 3 से 5 तक के 88 प्रतिशत बच्चे व एमसीडी के स्कूलों के 78 प्रतिशत बच्चे जो कम से कम शब्द पहचानने या उससे ऊपर पढ़ पा रहे हैं, 2 महीने के प्रयास के बाद अपनी किताब पढ़ पाएंगे।
वहीं कक्षा 6 से 9 तक के 90 प्रतिशत बच्चे जो अभी कम से कम एक छोटा पैराग्राफ पढ़ सकते हैं, वो फोकस्ड प्रयास से अगले 2 महीने में अपनी किताबें पढ़ सकेंगे।
इस बाबत गुरुवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने एमसीडी कमिश्नर ज्ञानेश भारती, शिक्षा सचिव अशोक कुमार एवं शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता सहित शिक्षा विभाग के अन्य उच्चाधिकारियों के साथ बैठक की।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल गर्मियों की छुट्टियों में मिशन बुनियाद को दिल्ली सरकार व एमसीडी के स्कूलों में मिशन मोड में चलाया गया जिसका शानदार रिजल्ट देखने को मिला है। हमारे स्कूलों के लाखों बच्चों को इसका फायदा हुआ है व उनके लनिर्ंग लेवल में सकारात्मक सुधार आया है। इसका सारा श्रेय हमारे शिक्षा विभाग व एमसीडी के शिक्षकों व स्कूल प्रमुखों को जाता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता हमारे लिए अवसर हैं कि यदि हमारे शिक्षा विभाग व एमसीडी के स्कूल इस तरह ही साथ मिलकर काम करें तो बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार करने में बड़ी मदद मिलेगी।
मिशन बुनियाद के तहत बच्चों के लनिर्ंग गैप को कम करने के लिए आगे के प्लान में स्कूलों में 31 अगस्त तक मिशन बुनियाद चलेगा और अगस्त के अंत में समीक्षा होगी।
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