वाराणसी में भगवान राम के आदशरें और गुणों के प्रसार के लिए समर्पित एक एक वर्चुअल प्लेटफार्म द स्कूल ऑफ राम पुस्तकालय की स्थापना करेगा, जिसमें दुनिया की कई भाषाओं में भगवान से संबंधित कहानियां और साहित्य उपलब्ध होंगे।
यह विचार बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के बीए अंतिम वर्ष के छात्र प्रिंस तिवारी का है। द स्कूल ऑफ राम ने भी प्रबंधन के विभिन्न सूत्रों के बारे में लोगों को अवगत कराने के लिए रामायण में एक महीने का मुफ्त प्रमाणपत्र कार्यक्रम प्रबंधन शुरू किया है।
तिवारी ने कहा कि हमने विद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर पुस्तकालय का शुभारंभ करने का निर्णय लिया है। कोई भी व्यक्ति विश्व की किसी भी भाषा में भगवान राम से संबंधित साहित्य पर पुस्तक दान कर सकता है और रामयण से जीवन प्रबंधन के सूत्रों को सीख सकता है।
बदले में स्कूल उन्हें एक माह तक प्रबंधन के सूत्रों का प्रशिक्षण देगा। उन्होंने कहा कि प्रबंधन के सूत्र सीखकर लोगों को जीवन में सफलता मिल सकती है। किताब के कवर पेज पर हर डोनर का नाम होगा।
रामायण पुस्तकालय मुख्य रूप से काशी में होगा लेकिन इसका केंद्र जयपुर में भी होगा। इच्छुक व्यक्तियों की सुविधा के लिए पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों के सभी विवरण वाली एक वेबसाइट भी है।
पुस्तकालय भगवान राम पर शोध करने वालों की भी मदद करेगा।
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Source : IANS