पश्चिम बंगाल के वित्त विभाग ने राज्य के 6,468 सरकारी स्कूलों के जीर्णोद्धार के लिए शिक्षा विभाग को 109 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं, जो इस बात का संकेत है कि सरकार दुर्गा पूजा के बाद स्कूल खोलने की इच्छुक है।
हालांकि अधिसूचना में स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में कुछ भी नहीं लिखा है, लेकिन यह संकेत है कि सरकार ने राज्य में स्कूल खोलने की दिशा में एक और कदम बढ़ा दिया है।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, स्कूलों का खुलना अन्य कारकों के अधीन है, लेकिन अभी तक राज्य में कोरोना की तीसरी लहर का ज्यादा असर नहीं हुआ है और ऐसे में अगर स्कूल खोलना है तो हमें इमारतों को तैयार रखना होगा। एक साल और नौ महीने स्कूलों में कोई गतिविधि नहीं हुई है और स्वाभाविक रूप से इमारतों की स्थिति बहुत खराब है। स्कूलों का खुलना मुख्यमंत्री की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
इस साल 5 अगस्त को वैश्विक सलाहकार निकाय के साथ अपनी बैठक के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि उनकी सरकार उन स्कूलों और कॉलेजों को फिर से खोलने पर विचार कर रही है जो मार्च से कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी की दूसरी लहर के कारण बंद हैं।
उन्होंने कहा था कि नवंबर में दुर्गा पूजा की छुट्टी के बाद शैक्षणिक संस्थान फिर से खुल सकते हैं। हालांकि, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने संकेत दिया कि स्कूल पूरी तरह से नहीं खुल सकते हैं।
अधिकारी ने कहा, एक वैकल्पिक व्यवस्था हो सकती है, जैसे छात्रों को दो समूहों में विभाजित किया जा सकता है और उन्हें सप्ताह में तीन दिन स्कूलों में उपस्थित होने के लिए कहा जाएगा। किसी विशेष कक्षा में छात्रों की संख्या कम की जाएगी, ताकि आपस में सुरक्षित दूरी बनी रहे। विभाग इस समय इन्हीं तौर-तरीकों पर काम कर रहा है।
देश के अलग-अलग राज्यों में स्कूल खुलने शुरू हो गए हैं।
त्रिपुरा में स्कूलों का संचालन शुरू हो गया है और हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने भी स्कूलों को खोलने की घोषणा की है।
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से स्कूल खोलने के बारे में सोचने के लिए भी कहा है, बशर्ते संबंधित राज्य सरकारें यह सोचें कि महामारी की स्थिति नियंत्रण में है।
अन्य राज्यों की तर्ज पर पश्चिम बंगाल सरकार भी स्कूल खोलने पर विचार कर रही है।
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Source : IANS