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जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दिया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में रह रहे मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया।

Updated on: 08 Aug 2017, 12:03 PM

highlights

  • सुप्रीम कोर्ट में आज एक अहम याचिका की सुनवाई करने जा रहा है
  • याचिका में जम्मू-कश्मीर में रह रहे मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे को चुनौती दी गई है

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में रह रहे मुस्लिमों के अल्पसंख्यक दर्जे को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया। 

मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 3 महीने के भीतर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। याचिका में गैर-मुस्लिम आबादी को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने की मांग की गई है।

चीफ जस्टिस जे एस खेहर, जस्टिस ए के गोयल और डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने केंद्र सरकार की इस बात को मान लिया कि उन्हें इस मामले में अन्य पक्षों से बातचीत करने के लिए और अधिक समय की जरुरत है।

याचिकाकर्ता अंकुर शर्मा की तरफ से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को एक साथ बैठकर इस मामले को सुलझाने का आदेश दिया था। फरवरी में कोर्ट ने केंद्र पर 30,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया था। 

केंद्र ने पीआईएल में उठाए गए मसले का जवाब नहीं दिया था, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि राज्य में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं लेकिन वह अल्पसंख्यकों के लिए चलाई जा रही सभी योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर के वकील अंकुर शर्मा ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि अल्पसंख्यकों को दी जाने वाली सुविधा मुस्लिम उठा रहे हैं, जबकि राज्य में वह बहुसंख्यक हैं। याचिका में राज्य की गैर-मुस्लिम आबादी को अल्पसंख्यक का दर्जा दिए जाने की मांग की गई है।

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