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सीवान के पूर्व सांसद और आरजेडी के नेता मो. शहाबुद्दीन को सीवान जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगी। सोमवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने बिहार सरकार से पूछा कि क्या शहाबुद्दीन के खिलाफ लंबित 45 मुकदमों को दिल्ली ट्रांसफर किया जा सकता है?
कोर्ट के इस सवाल का जवाब बिहार सरकार मंगलवार को सुनवाई के दौरान दे सकती है। पिछले महीने 24 अक्टूबर को सुनवाई को दौरान सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन, बिहार सरकार व केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था।
Mohd Shahabuddin matter to be heard by SC tomorrow regarding transfer of accused to Delhi and shifting trial to Delhi from Siwan(Bihar)
— ANI (@ANI_news) November 28, 2016
सीवान के पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन और व्यवसायी चंदा बाबू ने शहाबुद्दीन के सीवान जेल में रहने पर जान का भय और केस के प्रभावित होने की बात कहते हुए उनके वहां से स्थानांतरण की मांग की है।
आशा रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि शहाबुद्दीन के सिवान जेल में रहने से उनकी और उनके परिवार की जान को खतरा है। साथ ही उनके पति राजदेव रंजन हत्याकांड जांच भी प्रभावित हो सकती है।
चंदा बाबू की ओर से जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने भी याचिका दायर कर शहाबुद्दीन को सीवान और बिहार से बाहर करने की अपील की है। चंदा बाबू की याचिका में कहा गया है कि पूर्व सांसद के सीवान में मौजूद रहने से न केवल चंदा बाबू के परिवार को बल्कि विभिन्न मामलों के गवाहों को भी खतरा है।