निचली अदालतों में न्यायाधीशों की रिक्तियां अस्वीकार्य: सुप्रीम कोर्ट

देशभर की अदालतों में बड़ी संख्या में न्यायाधीशों के खाली पदों के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने उच्च न्यायालयों एवं राज्य सरकारों से 4,180 पदों पर भर्ती के संबंध में जवाब तलब किया है.

author-image
Deepak Kumar
एडिट
New Update
निचली अदालतों में न्यायाधीशों की रिक्तियां अस्वीकार्य: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

उच्च न्यायालयों एवं निचली अदालतों में न्यायाधीशों की 5,133 रिक्तियों को अस्वीकार्य बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकारों और उच्च न्यायालयों से जवाब मांगा कि क्या 4,180 न्यायिक अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है. देशभर की अदालतों में बड़ी संख्या में न्यायाधीशों के खाली पदों के मुद्दे पर स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल ने उच्च न्यायालयों एवं राज्य सरकारों से 4,180 पदों पर भर्ती के संबंध में जवाब तलब किया है. 

Advertisment

प्रधान न्यायाधीश पद की शपथ लेने के बाद तीन अक्टूबर को एक समारोह में न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा था कि अगले तीन-चार महीनों में उनकी प्राथमिकता निचली अदालतों में पांच हजार रिक्तियों को भरने की रहेगी, ताकि 2.6 करोड़ लंबित मुकदमों का निपटारा किया जा सके. 

उन्होंने हालांकि कहा था कि केवल रिक्तियां भरने से इस समस्या का हल नहीं निकल सकता. 

सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों से पूछा है कि 4,180 पदों पर भर्ती प्रक्रिया कब तक पूरी हो जाएगी. न्यायालय ने राज्य सरकारों से यह भी जानना चाहा है कि अगर सभी भर्तियां हो जाती हैं तो उनके लिए क्या अवसंरचना पर्याप्त हैं. 

राज्य सरकारों से मांगी गई जानकारी सुप्रीम कोर्ट के महासचिव के पास 31 अक्टूबर तक भेजने के लिए कहा गया है. न्यायालय ने इसके लिए चार न्याय मित्र भी नियुक्त किए हैं. 

न्याय मित्र नियुक्त किए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, दिल्ली और पूर्वोत्तर राज्यों के मामले देखेंगे. 

वरिष्ठ वकील के. वी. विश्वनाथन गुजरात, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक और केरल का मामला देखेंगे. मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, ओडिशा, बिहार, पंजाब एवं हरियाणा के मामले वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया देखेंगे. 

और पढ़ें- सीबीआई रिश्वतकांड: पीएम मोदी ने चीफ और डिप्टी चीफ को समन किया, डिप्टी एसपी गिफ्तार

वकील गौरव अग्रवाल राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, त्रिपुरा और उत्तराखंड का मामला देखेंगे और न्यायलयों को सहयोग करेंगे. मामले की अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी. 

Source : IANS

maharashtra Karnataka Chief Justice Haryana Gaurav Agrawal delhi Andhra Pradesh Public Service Commission punjab Supreme Court Supr Judiciary of India Sikkim telangana Supreme Court of the United States Lower Judicial Service Patna kerala
      
Advertisment