SC/ST एक्ट पर सरकार के खिलाफ हुए सहयोगी दल, LJP के बाद आरएलएसपी ने भी खोला मोर्चा, NGT चेयरमैन की नियुक्ति को बताया गलत

केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी।

केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी।

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vineet kumar1
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SC/ST एक्ट पर सरकार के खिलाफ हुए सहयोगी दल, LJP के बाद आरएलएसपी ने भी खोला मोर्चा, NGT चेयरमैन की नियुक्ति को बताया गलत

केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा

केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों को भरोसा दिलाया है कि सरकार उनके साथ अन्याय नहीं होने देगी।

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कुशवाहा ने कहा कि हम लोगों को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि सरकार एससी/एसटी एक्ट को लेकर लोगों के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एके गोयल को एनजीटी का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करते हुए कहा, 'इससे लोगों में गलत संदेश जाएगा।'

एनजीटी अध्यक्ष की नियुक्ति पर रामदास अठावले भी उठा चुके हैं सवाल

इससे पहले केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास अठावले ने भी एके गोयल को एनजीटी का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध करते हुए अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की थी।

उन्होंने कहा था कि जस्टिस गोयल ने एससी/एसटी एक्ट को लेकर गलत फैसला दिया है। उन्होंने दलितों की भावनाओं आहत किया है।

और पढ़ें: मोदी के मंत्री अठावले ने जस्टिस गोयल को NGT अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की

एससी/एसटी पर चिराग पासवान भी सरकार को दे चुके हैं चेतावनी

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने एससी/एसटी बिल में संशोधन की मांग करते हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बेटे और एलजेपी सांसद चिराग पासवान ने सरकार से अध्यादेश लाकर इस बिल में बदलाव करने की मांग की थी।

इतनी ही नहीं मांगे पूरी करने के लिए चिराग ने सरकार को 9 अगस्त तक का अल्टीमेटम भी दिया है। 

चिराग ने कहा था, 'हम चाहते हैं कि केंद्र एससी/एसटी पर अध्यादेश लाए। लेकिन यह अब तक नहीं किया जा सका है। इसलिए हमने केंद्र को 7 अगस्त को बिल को फिर से पेश करने और पिछले कानून को फिर से बहाल करने की मांग की है। अगर ऐसा नहीं होता है तो 9 अगस्त से दलितों का प्रदर्शन होगा, जो 2 अप्रैल के विरोध-प्रदर्शन से भी ज्यादा तेज होगा।'

SC/ST एक्ट पर क्या है मामला?

गौरतलब है कि 20 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के बेंच की अध्यक्षता करते हुए जस्टिस गोयल ने एससी/एसटी एक्ट के तहत दायर केस में तुरंत आरोपी की गिरफ्तारी से रोक लगा दिया था। जांच के बाद कोई भी कदम उठाने की बात कही गई थी।

इस फैसले का कई पार्टियों के नेताओं और दलित संगठनों ने विरोध किया था। दलितों ने इसके विरोध में भारी विरोध प्रदर्शन किया था। जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी।

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस गोयल को 6 जुलाई को अगले पांच सालों के लिए एनजीटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।

और पढ़ें : भारत में चीफ जस्टिस को बदलने की प्रक्रिया में कई नीतिगत समस्या: जस्टिस रंजन गोगोई

Source : News Nation Bureau

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