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मेघालय में फंसे 15 मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगी राहत कार्य की स्टेटस रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऑथोरिटी शुरुआत में ही राहत कार्यों को सही तरीके से अंजाम देने में नाकामयाब रही है.

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Deepak Kumar
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मेघालय में फंसे 15 मजदूरों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगी राहत कार्य की स्टेटस रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से मांगी स्टेटस रिपोर्ट

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मेघालय की लुमथरी की कोयला खदान में फंसे 15 मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से 7 जनवरी तक राहत कार्यों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. कोर्ट ने दोनों सरकार से कहा कि उनके द्वारा अब तक राहत के लिए जो भी क़दम उठाए गए हैं उसकी विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने कहा कि ऑथोरिटी शुरुआत में ही राहत कार्यों को सही तरीके से अंजाम देने में नाकामयाब रही है.

इससे पहले सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि यहां अवैध खनन हो रहा था. इसलिए इसे सही तरीके से मेंटेन नही किया गया था. ये रैट होल माइन है. कोई नही जानता, कौन सी सुरंग कहां जा रही है. ये पूरा एरिया 5 वर्ग किलोमीटर का है. नेवी के स्पेशल डाइवर को भी राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है लेकिन दिक्कत यह है कि पास में ही नदी है.

उन्होंने कहा कि हम लगातार पानी निकाल रहे है किर्लोस्कर पम्प लगाए गये है, 1800 पम्प हर मिनट पानी निकाल रहे हैं. 12 डाइवर और बाकी टेक्निकल स्टाफ लगा हुआ है, पर उन्हें हर रैट होल में जाना पड़ रहा है.

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जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आप अवैध खनन माफिया पर एक्शन लीजिए लेकिन गरीब मजदूर क्यों परेशानी झेले.'

Source : Arvind Singh

Meghalaya rescue efforts Supreme Court meghalaya mine miners trapped Meghalaya
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