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बोतलबंद पानी (सांकेतिक फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि होटल, रेस्टोरेंट बोतलबंद पानी पर एमआरपी (अधिकतम खुदरा मूल्य) से ज़्यादा कीमत वसूल कर सकते है।
जस्टिस नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के प्रावधान होटल या रेस्टोरेंट में मिनरल वाटर बेचने पर लागू नही होंगे, लिहाजा ऐसा करने वाले होटल/ रेस्टोरेंट मैनजेमेंट पर कोई मुकदमा नहीं लगेगा।
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की दलील को ख़ारिज कर दिया है।
केंद्र सरकार की दलील
केंद्र सरकार का कहना था कि एमआरपी से ज्यादा कीमत वसूलना उपभोक्ताओं के साथ बेईमानी है, यही नहीं एक प्रकार से सरकार के खिलाफ कर चोरी भी है।
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सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में उपभोक्ता मंत्रालय ने कहा था कि लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत सरकार ने एमआरपी से ज़्यादा वसूलने वाले होटल, रेस्टोरेंट,मल्टीप्लेक्स प्रबन्धन के खिलाफ जुर्माने और जेल तक की सज़ा का प्रावधान किया गया है
होटल एसोसिएशन की दलील
होटल एसोसिएशन की दलील थी कि ग्राहक सिर्फ मिनरल वाटर पीने नहीं, बल्कि एयर कंडीशनर, माहौल और दूसरी सुविधाओं का लुफ़्त उठाने के लिए होटल आते है।
सुप्रीम कोर्ट ने भी होटल एसोसिएशन की दलीलों से सहमति जताई। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सरकार को इजाजत दी थी कि वो एमआरपी से ज़्यादा कीमत वसूलने वाले होटल/ रेस्टोरेंट पर मुकदमा चला सकती है।
इसी के खिलाफ फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी।
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Source : News Nation Bureau