किसानों की आत्महत्या: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, कर्ज और मौसम की मार से बचाने के लिए केंद्र सरकार बनाए राष्ट्रीय नीति

देशभर में कर्ज से डूबे किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है।

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Aditi Singh
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किसानों की आत्महत्या: सुप्रीम कोर्ट का आदेश, कर्ज और मौसम की मार से बचाने के लिए केंद्र सरकार बनाए राष्ट्रीय नीति

देशभर में कर्ज से डूबे किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने केंद्र को 3 सप्ताह के भीतर इस संबंध में रोडमैप तैयार करने का आदेश दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 27 मार्च को होगी। 

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कोर्ट ने कहा,'आत्महत्या की वजहों का हल निकालना ज़रूरी है, केवल किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाना इसका समाधान नहीं हैं।' कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा है कि किसानों की फसल की एक निश्चित कीमत तय की जाने की जरूरत हैं।

कोर्ट ने कहा कि ये समस्या दशकों से चली आ रही हैं, लेकिन अभी तक इसकी वजहों से निपटने के लिए कोई ठोस एक्शन नही लिया गया हैं। कोर्ट ने कहा कि किसान आत्महत्या के दो महत्वपूर्ण कारणों- कर्ज और मौसम की मार से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए कोई राष्ट्रीय नीति नहीं है।

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केंद्र सरकार ने कोर्ट में कहा कि उम्मीद हैं कि 2015 की फसल बीमा योजना से आत्महत्या के मामलों में बड़ी कमी आएगी। हालांकि इसी तरह की दूसरी स्कीम को भी सख्ती से अमल करने की जरूरत हैं, जिनके जरिये किसान आश्वस्त हो सके कि सूखे जैसे विपरीत हालातों में सरकार उसके साथ हैं। 

Source : Arvind Singh

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