वीके शशिकला (पीटीआई)
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आय से अधिक संपत्ति मामले में चार साल की सज़ा काट रही वीके शशिकला की सज़ा पर पुनर्विचार याचिका ख़ारिज़ कर दी है। इससे पहले शशिकला ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर अपने ऊपर भ्रष्टाचार मामले में दी गई चार साल की सज़ा पर फिर से विचार करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 14 फरवरी को ट्रायल कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए शशिकला, सुधाकरन और इलावारसी को 4 साल की जेल और 10 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई थी
सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को आधारहीन बताते हुए कहा कि कोर्ट द्वार सुनाया गए फैसला सही है और इसपर फिर से विचार नहीं किया जा सकता।
Supreme Court dismisses plea filed by VK Sasikala seeking review of her conviction in disproportionate assets case. pic.twitter.com/eXry7ZmPEN
— ANI (@ANI) August 23, 2017
शशिकला पर 60 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति रखने का मामला चल रहा है। शशिकला के अलावा उनके दो रिश्तेदारों, वीएन सुधाकरण और एलवरासी को भी आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में दोषी माना गया है और उन्हें भी चार साल की सज़ा हुई है।
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बता दें कि तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत जे. जयललिता भी इसी मामले में आरोपी थीं।
क्या है मामला?
बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी (तत्कालीन जनता पार्टी के नेता) ने 1996 में शशिकला, जयललिता और बाकी दो आरोपियों पर बेहिसाब संपत्ति इकट्ठा करने का आरोप लगाया था। इस मामले की सुनवाई तमिलनाडु के बाहर बेंगलुरु की स्पेशल कोर्ट में हुई।
इस कोर्ट ने 27 सितंबर 2014 को जयललिता, शशिकला और दो अन्य को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई। उन पर 100 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया। लेकिन मई 2015 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने सभी को बरी कर दिया।
इसी फैसले को कर्नाटक सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने लोअर कोर्ट का फैसला बरकरार रखते हुए शशिकला की सज़ा बरकरार रखी।
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Source : News Nation Bureau