अवमानना की सजा के दोषी जस्टिस कर्णन की याचिका स्वीकार करने से SC का इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन की याचिका को स्वीकार करने से मना कर दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन ने अवमानना की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन की याचिका को स्वीकार करने से मना कर दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन ने अवमानना की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

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Abhishek Parashar
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अवमानना की सजा के दोषी जस्टिस कर्णन की याचिका स्वीकार करने से SC का इनकार

जस्टिस सी एस कर्णन (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन की याचिका को स्वीकार करने से मना कर दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन ने अवमानना की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

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हालांकि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने इस याचिका को स्वीकार करने लायक भी नहीं माना है। सुप्रीम कोर्ट ने सी एस कर्णन अवमानना के मामले में छह महीने की सजा सुनाई है।

सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सजा किए जाने के बाद जस्टिस कर्णन को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। इससे पहले कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के दिए सजा के खिलाफ राष्ट्रपति के पास दया याचिका दाखिल की थी।

और पढ़ें: जस्टिस कर्णन ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की

जस्टिस कर्णन को सुप्रीम कोर्ट के अवमानना के मामले में 6 महीने की सजा सुनाई गई है। कर्णन के सलाहकार रमेश कुमार ने बताया दया याचिका बुधवार को राष्ट्रपति के पास दायर की गई है। ये याचिका आर्टिकल 72 1बी के तहत दायर की गई है।

याचिका में दलील दी गई है कि जस्टिस कर्णन जून में रिटायर हो रहे हैं। ऐसे में अगर उन्हें सजा मिलती है तो रिटायर होने के बाद जो उन्हें वित्तीय लाभ मिलेंगे उसमें देरी होगी जिससे उन्हें दिक्कत होगी।

और पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट का जस्टिस कर्णन की याचिका सुनने से इनकार, अवमानना के मामले में छह महीन की सजा सुना चुका है कोर्ट

HIGHLIGHTS

  • सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन की याचिका को स्वीकार करने से मना कर दिया है
  • कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस सी एस कर्णन ने अवमानना की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है

Source : News Nation Bureau

Calcutta High Court C S Karnan
      
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