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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर सु्प्रीम कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए केंद्र सरकार द्वारा खारिज नामों की सूची को वापस भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सूची में शामिल नामों पर दोबारा विचार करने का आदेश दिया । कोर्ट ने आदेश दिया है कि तीन हफ्ते के भीतर नियुक्तियां करें।
Supreme Court has sent back all 43 names for reconsideration by Union Govt
— ANI (@ANI_news) November 18, 2016
सु्प्रीम कोर्ट ने इन नामों पर दोबारा विचार करने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि 11 नवंबर को हुई सुनवाई में भी सरकार और कोर्ट के बीच काफी तनातनी रही। कोर्ट ने सरकार से सवाल किया था कि जजों की नियुक्ति में देरी क्यों हो रही है? क्या सरकार अदालतों में ताला लगाना चाहती है।
SC refuses to accept the rejection of 43 names by Union Govt recommended by Collegium for appointment of various HC judges
— ANI (@ANI_news) November 18, 2016
इसी सुनवाई में केंद्र ने कॉजेलियम की 77 सिफारिशों में से 34 की नियुक्ति कर 43 नामों पर दोबारा विचार करने की याचिका की थी।
क्या होती है कॉलेजियम व्यवस्था
#इस व्यवस्था के तरह देश की अदालतों के जजों की नियुक्ति की जाती है। कॉलेजियम 5 लोगों का एक समूह है। इसमें भारत के चीफ जस्टिस समेत सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जज मेंबर हैं।
#सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति तथा तबादलों का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।हाईकोर्ट के कौन से जज पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे यह फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।
इस व्यवस्था का मूल संविधान और संशोधन में नहीं है।