हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर सु्प्रीम कोर्ट ने कड़ा रूख अपनाते हुए केंद्र सरकार द्वारा खारिज नामों की सूची को वापस भेज दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सूची में शामिल नामों पर दोबारा विचार करने का आदेश दिया । कोर्ट ने आदेश दिया है कि तीन हफ्ते के भीतर नियुक्तियां करें।
सु्प्रीम कोर्ट ने इन नामों पर दोबारा विचार करने की केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया। गौरतलब है कि 11 नवंबर को हुई सुनवाई में भी सरकार और कोर्ट के बीच काफी तनातनी रही। कोर्ट ने सरकार से सवाल किया था कि जजों की नियुक्ति में देरी क्यों हो रही है? क्या सरकार अदालतों में ताला लगाना चाहती है।
इसी सुनवाई में केंद्र ने कॉजेलियम की 77 सिफारिशों में से 34 की नियुक्ति कर 43 नामों पर दोबारा विचार करने की याचिका की थी।
क्या होती है कॉलेजियम व्यवस्था
#इस व्यवस्था के तरह देश की अदालतों के जजों की नियुक्ति की जाती है। कॉलेजियम 5 लोगों का एक समूह है। इसमें भारत के चीफ जस्टिस समेत सुप्रीम कोर्ट के 4 सीनियर जज मेंबर हैं।
#सुप्रीम कोर्ट तथा हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति तथा तबादलों का फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।हाईकोर्ट के कौन से जज पदोन्नत होकर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे यह फैसला भी कॉलेजियम ही करता है।
इस व्यवस्था का मूल संविधान और संशोधन में नहीं है।