कोलकाता में बीजेपी की रथ यात्रा अनुमति मामले में सुप्रीम कोर्ट में तुरंत नहीं होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने रथ यात्रा की अनुमति को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया है.
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने रथ यात्रा की अनुमति को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की याचिका पर तुरंत सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. बीजेपी ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस आदेश के खिलाफ अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की जिसमें पश्चिम बंगाल में उसे रथ यात्रा निकाले जाने की अनुमति नहीं दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ बीजेपी की याचिका पर अविलंब सुनवाई के पक्ष में नहीं. यह जानकारी पार्टी से जुड़े एक वकील ने दी. बीजेपी के वकील ने कहा कि रजिस्ट्री ने उन्हें सूचित किया कि मामले को सामान्य प्रक्रिया में सूचीबद्ध किया जाएगा.
बता दें कि बीजेपी ने कलकत्ता हाई कोर्ट की खंडपीठ द्वारा पश्चिम बंगाल में पार्टी की रथ यात्रा को एकल पीठ द्वारा दी गई सशर्त मंजूरी को खारिज किए जाने के आदेश को चुनौती देते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. बीजेपी मामले की जल्द सुनवाई की मांग को लेकर शीर्ष अदालत पहुंची है जबकि अदालत का शीत अवकाश सत्र चल रहा है.
Supreme Court Registrar refuses to give urgent hearing before vacation bench on an appeal of BJP West Bengal against the Calcutta High Court's division bench order on BJP's yatra in West Bengal. pic.twitter.com/hhmqs2EszU
— ANI (@ANI) December 24, 2018
बीजेपी की 'लोकतंत्र बचाओ रैलियों' की योजनाओं को उस वक्त तगड़ा झटका लगा, जब हाई कोर्ट की खंडपीठ ने 21 दिसम्बर को एकल पीठ द्वारा कार्यक्रम को दी गई सशर्त मंजूरी के आदेश को खारिज कर दिया. एकल पीठ ने कहा था कि पार्टी को अपने आंदोलन के दैरान किसी प्रकार का संकट पैदा नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके लिए उसे ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
मुख्य न्यायाधीश देवाशीष करगुप्ता और न्यायमूर्ति शम्पा सरकार की खंडपीठ ने मामले को वापस एकल पीठ के पास भेज दिया है और निर्देश दिया कि एकल पीठ राज्य की एजेंसियों द्वारा मुहैया कराई गई खुफिया जानकारी पर विचार करे.
ममता बनर्जी सरकार ने एकल पीठ के 20 दिसम्बर के आदेश के खिलाफ व मामले की तुरंत सुनवाई के लिए खंडपीठ के समक्ष एक अपील दायर की थी.
न्यायमूर्ति तपाब्रत चक्रवर्ती की एकल पीठ के आदेश को खारिज करते हुए खंडपीठ ने एकल पीठ को 31 पुलिस थानों और पांच पुलिस कमिश्नरेट से मिली 36 खुफिया जानकारियों का अध्ययन करने का आदेश दिया, जिसे राज्य सरकार ने पीठ के समक्ष दाखिल किया है.
ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार ने बीजेपी की रथ यात्रा निकालने की अर्जी को खारिज कर दिया था और तर्क दिया था कि कार्यक्रम के परिणामस्वरूप सांप्रदायिक हिंसा होने की गंभीर आशंका है.
बीजेपी की उत्तरी बंगाल के कूच बिहार, दक्षिण 24 परगना जिले के गंगासागर और बीरभूम जिले के तारापीठ के मंदिर कस्बे तक तीन रथ यात्रा रैलियां प्रस्तावित हैं. इन्हें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह सात, नौ और 14 दिसंबर को हरी झंडी दिखाकर रवाना करने वाले थे.
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बीजेपी ने उस वक्त बंगाल सरकार के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और तीनों रैलियों के लिए 22, 24 और 26 दिसंबर की नई तारीख प्रस्तावित की थी.
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