सुप्रीम कोर्ट ने नोटा से जुड़ी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें ज्यादा मतदान नोटा विकल्प पर पड़ने की स्थिति में उम्मीदवारी और चुनावी प्रकिया को रद्द करने की मांग की गई थी। इस याचिका को भारतीय जनता पार्टी के नेता अश्विनी उपाध्य़ाय ने दाखिल किया था।
हालांकि इस याचिका पर सुनवाई करने से इंकार करते हुए जस्टिस चंद्रचूड मे कहा कि नोटा को सर्वधिक मतदान मिलने की स्थिति में भी चुनाव को रद्द नहीं किया जा सकता है।
इसका उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, 'एक को 23 फीसदी, दूसरे को 22 और तीसरे को 21 फीसदी और नोटा को 24 फीसदी वोट मिलते हैं तो इसका मतलब है कि ज्यादातर लोग मतदान कर रहे हैं फिर क्यूं चुनाव को रद्द किया जाए।'
याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि किसी विधानसभा क्षेत्र में नोटा विकल्प पर ज्यादा मतदान मिलने पर वहां के नतीजों को अमान्य ठहरा कर नए सिरे से चुनाव कराए जाने का चुनाव आयोग को आदेश दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।
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Source : News Nation Bureau