शादियों में खाप के हस्तक्षेप को SC ने बताया अवैध, पंचायत का फैसला मानने से इंकार

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि शादी के लिए सहमत दो वयस्कों के बीच विवाह के मामले में खाप पंचायतों का किसी भी तरह का दखल अवैध है।

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sankalp thakur
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शादियों में खाप के हस्तक्षेप को SC ने बताया अवैध, पंचायत का फैसला मानने से इंकार

सर्वोच्च न्यायालय (फाइल फोटो)

सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि शादी के लिए सहमत दो वयस्कों के बीच विवाह के मामले में खाप पंचायतों का किसी भी तरह का दखल अवैध है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति एएम खानविल्कर व न्यायमूर्ति डी.वाई.चंद्रचूड़ की पीठ ने सुधारात्मक व सुरक्षात्मक कदम निर्धारित किए, जो इस तरह के मामलों से निपटने के लिए कानूनी रूप रेखा के आने तक काम करेंगे।

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यह ऐतिहासिक फैसला एक एनजीओ शक्ति वाहिनी की याचिका पर आया है। शक्ति वाहिनी ने शीर्ष अदालत से खाप पंचायतों जैसी संस्थाओं की रजामंदी के बिना होने वाले विवाहों में उनके दखल और शादी के खिलाफ हुक्म जारी किए जाने को लेकर अपील की थी।

वहीं सुप्रीम कोर्ट के फैसले को खाप ने मानने से इंकार कर दिया है। बागपत के थम्बा खाप के अध्यक्ष यशपाल चौधरी ने कहा-हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करेंगे। वेदों के अनुसार 'सागोत्र ​​विवाह' की अनुमति नहीं है और हम इसमें विश्वास रखते हैं। समाज के लिए यह हानिकारक है खाप ऐसा नहीं होने देंगा। एक ही गांव में रहने वाले लोग भाई-बहन हो सकते हैं कि वे इंसान और पत्नी कैसे बन सकते हैं।'

Source : News Nation Bureau

khap panchayat Supreme Court
      
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