सुप्रीम कोर्ट
पुणे में मनमाफिक शिफ़्ट न मिलने के चलते सड़क पर अंधाधुंध बस चलाकर नौ लोगों को कुचल देने वाले बस ड्राइवर संतोष माने की फांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. बॉम्बे म्युनिसिपल कारपोरेशन में ड्राइवर संतोष माने अपनी लगातार नाईट शिफ्ट से परेशान था. इसके चलते गुस्से में आकर उसने जनवरी 2012 में , दिन के वक्त डिपो में जाकर एक बस को निकाला और उसके बाद सड़क पर अंधाधुंध बस दौड़ा दी.
निचली अदालत ने फांसी की सज़ा दी थी, जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था. इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी अर्ज़ी मे संतोष ने कहा था कि उसने तैश आकर ये सब किया था, सोच समझकर नहीं. वो मानसिक रूप से परेशान था.
Supreme Court commuted to life imprisonment the death sentence awarded to Maharashtra state transport bus-driver Santosh Mane, convicted for mowing down nine people in Pune in 2012. pic.twitter.com/CAN24lqbfz
— ANI (@ANI) January 9, 2019
महाराष्ट्र सरकार ने अर्जी का विरोध करते हुए फांसी की सज़ा बरकरार रखने की मांग की थी.