पुणे बस ड्राइवर की फांसी की सजा को SC ने उम्र कैद में बदला, 9 लोगों को कुचलने का था मामला

पुणे में मनमाफिक शिफ़्ट न मिलने के चलते सड़क पर अंधाधुंध बस चलाकर नौ लोगों को कुचल देने वाले बस ड्राइवर संतोष माने की फांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है.

पुणे में मनमाफिक शिफ़्ट न मिलने के चलते सड़क पर अंधाधुंध बस चलाकर नौ लोगों को कुचल देने वाले बस ड्राइवर संतोष माने की फांसी की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है.

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Deepak Kumar
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पुणे बस ड्राइवर की फांसी की सजा को SC ने उम्र कैद में बदला, 9 लोगों को कुचलने का था मामला

सुप्रीम कोर्ट

पुणे में मनमाफिक शिफ़्ट न मिलने के चलते सड़क पर अंधाधुंध बस चलाकर नौ लोगों को कुचल देने वाले बस ड्राइवर संतोष माने की फांसी  की सज़ा को सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया है. बॉम्बे म्युनिसिपल कारपोरेशन में ड्राइवर संतोष माने अपनी लगातार नाईट शिफ्ट से परेशान था. इसके चलते गुस्से में आकर उसने जनवरी 2012 में , दिन के वक्त डिपो में जाकर एक बस को निकाला और उसके बाद सड़क पर अंधाधुंध बस दौड़ा दी.

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निचली अदालत ने फांसी की सज़ा दी थी, जिसे बॉम्बे हाई कोर्ट ने बरकरार रखा था. इसके खिलाफ  सुप्रीम कोर्ट में  दायर अपनी अर्ज़ी मे  संतोष ने कहा था कि उसने  तैश आकर  ये सब किया था, सोच समझकर नहीं. वो मानसिक रूप से परेशान था.

महाराष्ट्र सरकार ने अर्जी का विरोध करते हुए फांसी की सज़ा बरकरार रखने की मांग की थी.

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