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मप्र में अब तक बने साढ़े 20 लाख से अधिक पीएम आवास

मप्र में अब तक बने साढ़े 20 लाख से अधिक पीएम आवास

Updated on: 30 Sep 2021, 01:35 AM

भोपाल 29 सितंबर:

मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में आवास बनाने का क्रम जारी है। कोरोना काल में भी तीन लाख से अधिक आवासों का निर्माण किया गया। अब तक राज्य में साढ़े 20 लाख से अधिक आवासों का निर्माण किया जा चुका है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में वर्तमान में 26 लाख 28 हजार के लक्ष्य के विरुद्ध 20 लाख 65 हजार आवास निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। प्रदेश में कोरोना-काल में भी चुनौतियों से निपटते हुए तीन लाख से अधिक आवास निर्मित किये गये हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने एक माह की अल्पावधि में लगभग एक लाख आवास बनाकर तैयार कर दिये, वह भी निर्माण कार्यों के लिये विपरीत मौसम में।

उन्होंने आगे कहा, आमतौर पर एक आवास के निर्माण का औसत समय लगभग 120 दिन माना जाता है। विभाग द्वारा तत्परता से इतनी बड़ी संख्या में किये गये आवासों के निर्माण से उन गरीबों का सपना शीघ्र साकार होने वाला है जो पीढ़ियों से पक्के मकान के लिये तरस रहे थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में वर्षा-काल में प्रदेश के अधिकांश जिले बाढ़ और अति-वृष्टि से प्रभावित होने के बाद भी एक जुलाई 2021 से 22 सितम्बर 2021 तक सर्वाधिक एक लाख 60 हजार आवास पूर्ण कराये गये हैं। वर्षाकाल, जो सामान्यत: निर्माण कार्यों के लिये विपरीत मौसम माना जाता है, के बावजूद भी विशेष प्रयासों से लगातार राज्य स्तर से पर्यवेक्षण से 15 अगस्त से 15 सितम्बर 2021 तक मात्र एक माह की अवधि में एक लाख छह हजार आवास बनाने का कमाल कर दिखाया गया।

ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी दो वर्ष के भीतर 2022 तक देश के सभी आवासहीन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सबको आवास 2022 का लक्ष्य हासिल करने के लिये मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) लागू की गई है। आवासों के साथ उज्जवला योजना, स्वच्छ भारत मिशन तथा मनरेगा की मजदूरी और अन्य योजनाओं का भी लाभ दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश की तीन पिछड़ी जनजातियां सहरिया, बैगा और भारिया को भी विशेष परियोजना के तहत आवास प्रदाय किए गए हैं।

राज्य में इस योजना में अब तक लगभग 20 लाख 65 हजार से अधिक ग्रामीण परिवारों को अपना घर मिल गया है। यह सभी ऐसे परिवार थे जिनके पास घर नहीं थे अथवा वे कच्चे जीर्ण-शीर्ण घरों में रहते थे। योजना में हितग्राही को मकान की इकाई लागत मैदानी जिलों में 1 लाख 20 हजार तथा दूरस्थ पहुंच विहीन दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में 1 लाख 30 हजार रुपए शत-प्रतिशत अनुदान के रूप में आवास निर्माण कार्य की प्रगति के आधार पर किश्तों के रूप में दिए जाते हैं।

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