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सुप्रीम कोर्ट का आदेश, तीन महीने के अन्दर सभी राज्यों के दो ज़िलों के कोर्ट रूम में लगाया जाए सीसीटीवी कैमरा

सुप्रीम कोर्ट के जजों का मानना था कि इसपर लम्बी चर्चा की ज़रूरत है।

Updated on: 29 Mar 2017, 12:38 PM

highlights

  • दो ज़िलों में ऐसी व्यवस्था की जाए, जहां कोर्ट रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। 
  • सुनवाई की रिकार्डिंग करवाए जाने को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच बहस होती रही है।

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कोर्ट परिसर के अन्दर सीसीटीवी लगाने को लेकर अपनी सहमति दे दी है।

इंडियन एक्सप्रेस अख़बार के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि फिलहाल सभी राज्यों के कम से कम दो ज़िलों में ऐसी व्यवस्था की जाएगी, जहां कोर्ट रूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। हालांकि इसमें आवाज़ की रिकॉर्डिंग नहीं होगी।

जस्टिस आदर्श के गोयल और जस्टिस उदय यु ललित की दो सदस्यीय बेंच ने ये अभूतपूर्व फैसला सुनाया है। जिसके तहत अगले तीन महीने में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के तीन ज़िलों के कोर्ट रूम को सीसीटीवी कैमरे से लैस कर दिया जाएगा।

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बता दें कि इससे पहले कई बार कोर्ट की सुनवाई की रिकार्डिंग करवाए जाने को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच बहस होती रही है।

अगस्त, 2013 में केंद्रीय क़ानून मंत्री ने चीफ़ जस्टिस ऑफ इंडिया को तीन बार ख़त लिखकर सुनवाई की रिकॉर्डिंग करवाए जाने की मांग की थी। सरकार का तर्क था कि इससे पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

लेकिन सुप्रीम कोर्ट के जजों का मानना था कि इसपर लम्बी चर्चा की ज़रूरत है।

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