जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद- 35A पर SC ने 3 महीने के लिये टाली सुनवाई

जम्मू कश्मीर में स्थाई नागरिकता की परिभाषा तय करने वाले आर्टिकल 35A को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 8 हफ़्ते के लिए टल गई है।

जम्मू कश्मीर में स्थाई नागरिकता की परिभाषा तय करने वाले आर्टिकल 35A को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई 8 हफ़्ते के लिए टल गई है।

author-image
Shivani Bansal
एडिट
New Update
जम्मू-कश्मीर: अनुच्छेद- 35A पर SC ने 3 महीने के लिये टाली सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

जम्मू-कश्मीर में स्थाई नागरिकता की परिभाषा तय करने वाले आर्टिकल 35A को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन महीने के लिए टाल दी है।

Advertisment

अटॉनी जनरल केके वेणुगोपाल ने चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि सरकार ने जम्मू कश्मीर में विभिन्न पक्षों से बातचीत के लिए वार्ताकार नियुक्त किया है।

अटॉनी जनरल ने कोर्ट से छह महीने तक सुनवाई टालने का आग्रह किया था, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई 12 हफ्ते के लिये टाल दी है। सुप्रीम कोर्ट में दायर 4 याचिकाओं में आर्टिकल 35A को निरस्त करने की मांग की गई है

क्या हैअनुच्छेद 35A

दरअसल अनुच्छेद 35A को मई 1954 में राष्ट्रपति के आदेश के ज़रिए संविधान में जोड़ा गया था।

कश्मीर को 'अधिक स्वायत्ता' दिए जाने के चिदंबरम के बयान से कांग्रेस का किनारा

यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर विधान सभा को यह अधिकार देता है कि वो राज्य के स्थायी नागरिक की परिभाषा तय कर सके।

सिर्फ इन्हीं नागरिकों को राज्य में संपत्ति रखने, सरकारी नौकरी पाने या विधानसभा चुनाव में वोट देने का हक मिलता है। इसी वजह से जम्मू कश्मीर में बाहर से आकर बसे हज़ारो शरणार्थियों की स्थायी नागरिकता ना होने के चलते उन्हें बुनियादी हक़ नहीं मिलते। 

याचिककर्ता की दलील

याचिकाकर्ताओं ने इसे संविधान के अनुच्छेद 14 यानी समानता के अधिकार का हनन बताया है।

ऐसा इसलिए क्योंकि 35A के तहत अगर कोई कश्मीरी पुरष किसी गैर कश्मीरी से शादी करता है तो शादी करने वाले कश्मीरी पुरुष के बच्चों को स्थायी नागरिक का दर्जा और तमाम अधिकार मिलते हैं, जबकि राज्य के बाहर शादी करने वाली कश्मीरी महिलाओं के बच्चों को वो अधिकार नही मिलते।

वो राज्य विधानसभा में वोट नहीं डाल सकते, राज्य में सम्पति नहीं खरीद सकते, याचिककर्ता ने इस पर भी सवाल उठाया है कि संसद में प्रस्ताव ला कर पास करवाए बिना संविधान में नया अनुच्छेद (आर्टिकल 35A) कैसे जोड़ दिया गया। इस आधार पर इसे निरस्त करने की मांग की गई है।

यह भी पढ़ें: वरुण धवन की 'अक्टूबर' अगले साल होगी रिलीज, देखें फिल्म का फर्स्ट लुक

कारोबार से जुड़ी ख़बरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें 

Source : Arvind Singh

Supreme Court jammu-kashmir
Advertisment