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शशिकला, फाइल फोटो
तमिलनाडु की लड़ाई अब दिल्ली पहुंच रही है। जयललिता के करीबी रहे ओ पन्नीरसेल्वम के बागी तेवर के बाद ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) महासचिव वीके शशिकला अब राष्ट्रपति से मिलेंगी। शशिकला ने विधायकों की परेड कराने के लिए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से गुरुवार को समय मांगा है। उन्होंने दावा किया है कि उनके पास 130 विधायकों का समर्थन है। तमिलनाडु विधानसभा में 234 विधायक हैं जिसमें 133 विधायक एआईएडीएमके के हैं।
खबर है कि शशिकला गुट के विधायकों को होटल में रखा गया है। बाहर किसी दूसरे गुट से संपर्क न हो और प्रलोभन से रोका जाय इसके लिए विधायकों से फोन ले लिया गया है।
इधर देर रात AIADMK के सांसद भी दिल्ली पहुंच चुके हैं।
AIADMK MPs arrive in Delhi pic.twitter.com/DqRvR87AMN
— ANI (@ANI_news) February 8, 2017
वहीं कार्यवाहक मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने दावा किया है कि वह विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे। खबर है कि डीएमके पन्नीरसेल्वम को समर्थन दे सकती है। विधानसभा में डीएमके 89 विधायक हैं।
आपको बता दें की पन्नीरसेल्वम राज्यपाल को इस्तीफा सौंप चुके हैं। जिसे राज्यपाल ने स्वीकार कर लिया है। जबतक राज्यपाल किसी को मुख्यमंत्री की शपथ नहीं दिला देते हैं तब तक पन्नीरसेल्वम ही कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहेंगे। पन्नीरसेल्वम ने बाद में आरोप लगाया था कि उन्हें इस्तीफा देने को मजबूर किया गया था और वह इस्तीफा वापस लेना चाहते हैं।
वहीं तमिलनाडु में बढ़ते राजनीतिक संकट के बीच महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. वी. राव गुरुवार को दोपहर बाद चेन्नई जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। राव के पास तमिलनाडु के राज्यपाल का अतिरिक्त प्रभार भी है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, 'राज्यपाल कल (गुरुवार) दोपहर बाद चेन्नई पहुंचेंगे।'
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पन्नीरसेल्वम ने बुधवार को घोषणा की कि दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की मौत की जांच कराएंगे। उन्होंने कहा कि जयललिता की मौत की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में जांच आयोग का गठन किया जाएगा। जयललिता की मौत 5 दिसंबर 2016 को हुई थी। ऐसे में उनकी राजनीतिक मंशा पर सवाल उठता है कि मौत के दो महीने बीत जाने के बाद अब वह जांच की बात क्यों कर रहे हैं।
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पन्नीरसेल्वम ने मंगलवार देर शाम एक नाटकीय घटनाक्रम में पत्रकारों से कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने इसके लिए शशिकला और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेताओं पर आरोप लगाए और उन्हें 'अवसरवादी' करार दिया। वहीं एआईएडीएमके ने कहा कि वह मुख्यमंत्री पद गंवाने की वजह से बागी हुए।
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एआईएडीएमके की महासचिव वी.के. शशिकला ने बुधवार को एकजुटता का दावा करते हुए कहा, 'पन्नीरसेल्वम जो भी कह रहे हैं या जो भी कदम उठा रहे हैं, उसकी वजह उनके और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन के बीच की मिलीभगत है।' एआईएडीएमके से पन्नीरसेल्वम को पार्टी कोषाध्यक्ष पद से भी हटा दिया है। वहीं डीएमके ने आरोपों को खारिज किया है।
HIGHLIGHTS
- गुरुवार को विधायकों के साथ राष्ट्रपति से मिलेंगी शशिकला
- शशिकला गुट का दावा 131 विधायकों का है समर्थन
- पन्नीरसेल्वम ने किया दावा, विधानसभा में साबित करेंगे बहुमत
Source : News Nation Bureau