सुप्रीम कोर्ट ने कहा, आपराधिक षड्यंत्र का अड्डा था जयललिता का आवास पोएस गार्डन
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जयललिता और शशिकला 'साजिश में शामिल हुईं' और पब्लिक सर्वेंट होते हुए जयललिता 'आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति हासिल की, इसे शशिकला और दो दूसरे लोगों में बांटा।'
highlights
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जयललिता और शशिकला साजिश में शामिल हुईं
- 'पब्लिक सर्वेंट होते हुए जयललिता 'आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति हासिल की'
नई दिल्ली:
तमिलनाडु में जारी सत्ता संघर्ष के बीच सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने पूरी तस्वीर ही बदल दी है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में एआईएडीएमके की महासचिव वीके शशिकला का मुख्यमंत्री बनने का सपना चकनाचूर कर दिया। वहीं अपने समर्थकों के बीच अम्मा के नाम से मशहूर जयललिता पर भी सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जयललिता और शशिकला 'साजिश में शामिल हुईं' और पब्लिक सर्वेंट होते हुए जयललिता 'आय के ज्ञात स्रोतों से ज्यादा संपत्ति हासिल की, इसे शशिकला और दो दूसरे लोगों में बांटा।' पीठ ने आगे कहा, 'जयललिता के अकाउंट से शशिकला के अकाउंट में फंड का ट्रांसफर साबित करता है कि इसमें चारों आरोपियों की सामूहिक भूमिका थी।'
सुप्रीम कोर्ट ने यहां तक कहा कि शशिकला और उनके रिश्तेदार जयललिता के पोएस गार्डन में दोस्तों के लिए किसी परोपकार की भावना के तहत नहीं ठहरे थे, बल्कि इसके पीछे जयललिता की संपत्ति पर नियंत्रण करने की आपराधिक साजिश थी।
आय से अधिक संपत्ति मामले में निचली अदालत के फैसले को बहाल करते हुए कोर्ट ने शशिकला को चार साल कारावास की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शशिकला अब 10 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगी। आपको बता दें की आय से अधिक संपत्ति के मामले में दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता मुख्य अभियुक्त थीं। जयललिता की मौत 5 दिसंबर को हर्ट अटैक के बाद हुई थी। कोर्ट ने मौत के बाद फैसला नहीं सुनाया है।
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साल 1991-1996 के दौरान जयललिता के मुख्यमंत्री रहते हुए 66.65 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति के मामले में जे.जयललिता, शशिकला तथा सुधाकरन व एलावारसी को निचली अदालत ने दोषी ठहराया था। जिसे पलटते हुए 11 मई, 2015 को चारों को कर्नाटक हाईकोर्ट ने बरी कर दिया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया है।
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