उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने गुरुवार को अवैध धर्मांतरण के मामले में एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार किया है।
आरोपी सरफराज अली जाफरी को अमरोहा जिले से गिरफ्तार किया गया है।
एटीएस की विज्ञप्ति के अनुसार, जाफरी मौलाना कलीम सिद्दीकी के साथ काम कर रहा था और 2016 से अवैध धर्मांतरण में शामिल रहा है।
आईजी, एटीएस, जी. के. गोस्वामी ने कहा कि मौलाना कलीम से पूछताछ के दौरान उन्हें उसके बारे में पता चला।
उन्होंने कहा, जाफरी मौलाना कलीम सिद्दीकी के ग्लोबल पीस सेंटर में काम करता था, जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था। वह रिवर्ट, रिहैब और दावा व्हाट्सएप ग्रुप का भी सदस्य है, जिसके माध्यम से उसके गिरोह के सदस्यों ने धार्मिक नफरत फैलाई, लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रलोभनों के साथ इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया।
जाफरी को रिमांड पर लिया जाएगा और मामले के संबंध में लगातार पूछताछ की जाएगी।
इससे पहले जून में एटीएस ने उमर गौतम और उसके साथी मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी को गिरफ्तार कर अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया था।
बाद में, रामेश्वर कावरे उर्फ आदम, कौसर आलम और भूरिया बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा की गिरफ्तारी के साथ इसके नागपुर सिंडिकेट का पता चला था।
इससे पहले गुजरात के व्यवसायी सलाहुद्दीन जैनुद्दीन और महाराष्ट्र के डॉक्टर फिरोज शाह को भी गिरफ्तार किया गया था।
एटीएस ने मामले के संबंध में सिद्दीकी को 22 सितंबर को और उसके तीन साथियों इदरीस कुरैशी, सलीम और कुणाल अशोक को 26 सितंबर को गिरफ्तार किया था। धीरज जगताप उर्फ धीरज देशमुख को भी 1 अक्टूबर को कानपुर से गिरफ्तार किया गया था।
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Source : IANS