जम्मू्-कश्मीर में इंटरनेट बंद पर सारस्वत ने दिया यह विवादित बयान, येचुरी ने की आलोचना
उनके इस बयान को कश्मीर चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने बेतुका बताया है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है.
नई दिल्ली:
नीति आयोग के सदस्य वी के सारस्वत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट बंद रहने का देश की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ा है क्योंकि वहां के लोग ऑनलाइन 'गंदी फिल्में' देखने के अलावा और कुछ नहीं करते थे. उनके इस बयान को कश्मीर चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) ने बेतुका बताया है और इसे तुरंत वापस लेने की मांग की है. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने भी सारस्वत की आलोचना की है. केन्द्र सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान पांच अगस्त को खत्म करने और दो केन्द्र शासित प्रदेशों के गठन की घोषणा करने के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.
धीरूभाई अंबानी सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संस्थान के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने के बाद शनिवार को गांधीनगर में सारस्वत ने यह बयान दिया. उन्होंने कहा, ' वहां इंटरनेट नहीं होने से क्या फर्क पड़ रहा है? आप इंटरनेट पर क्या देखते थे? वहां क्या ‘ई-टेलिंग’ (इंटरनेट के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं की बिक्री) हो रही है? गंदी फिल्में देखने के अलावा, आप कुछ नहीं करते.' उन्होंने कहा, ' कश्मीर में अगर इंटरनेट नहीं है, तो इसका अर्थव्यवस्था पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता.'
सारस्वत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का लक्ष्य कुछ तत्वों को जानकारी का गलत इस्तेमाल करने से रोकना था. उन्होंने कहा, ' अगर अनुच्छेद 370 को हटाना था और कश्मीर को आगे ले जाना था, तो हमें पता था कि कुछ ऐसे तत्व हैं जो ऐसी सूचना का इस तरह दुरुपयोग करेंगे, जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित होगी.' जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हाल ही में हुए प्रदर्शनों पर सारस्वत ने कहा कि वह संस्थान ' राजनीतिक लड़ाई का मैदान' बन गया है, जहां आधे से अधिक शिक्षक 'कट्टर वामपंथी' हैं. उन्होंने वहां के मुद्दों को 'लोकतांत्रिक' तरीके से हल करने पर भी जोर दिया.
यह भी पढ़ें-शाहीन बाग पहुंचे कश्मीरी पंडितों की नारेबाजी पर प्रदर्शनकारियों ने की हाथापाई
सारस्वत ने यह भी कहा कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ और जेएनयू में जिस तरह से प्रदर्शन हो रहे हैं उससे अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है. उन्होंने कहा, ' घाटा अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है. हम लोगों को पैसा दे रहे हैं लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हो रहा. हड़ताल के बावजूद सरकारी शिक्षकों को उनका बकाया मिल रहा है. इसका परिणाम क्या है...इन सबसे अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है.' सारस्वत के बयान की निंदा करते हुए केसीसीआई के अध्यक्ष शेख आशिक ने कहा कि एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति के लिए कश्मीर के लोगों को बदनाम करने वाला बयान देना अनुचित है. आशिक ने कहा कि इंटरनेट बंद होने से घाटी को नुकसान हो रहा है और इससे यहां के व्यापार को करीब 18,000 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है.
यह भी पढ़ें-हिमालय क्षेत्र में फिर से पश्चिमी विक्षोभ की दस्तक, उत्तरी राज्यों में सोमवार से बारिश का एक और दौर
उन्होंने कहा, हम चैंबर के लोग जानते हैं कि इंटरनेट सेवाएं बंद होने से हमारी अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है. हमारी अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है. अगर कोई व्यक्ति इस तरह की बात करता है तो दरअसल वह अपनी दिमागी सोच के बारे में बता रहा है. उसे नीति आयोग में बैठने का कोई अधिकार नहीं. येचुरी ने रविवार को ट्वीट कर कहा, ये आदमी नीति आयोग का सदस्य है. इसे खुद को अपडेट करने के लिए भारतीय संविधान पढ़ने की जरूरत है, और वह प्रस्तावना से शुरुआत कर सकता है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Irrfan Khan Death Anniversary: अपनी पत्नी के लिए जीना चाहते थे इरफान, कैंसर ट्रीटमेंट के दौरान शेयर की थी दिल की इच्छा
-
अरिजीत सिंह ने अपने कॉन्सर्ट के दौरान माहिरा खान से मांगी माफी, देखें सिंगर ने क्या कहा?
-
Aamir Khan Children: आमिर की सलाह नहीं सुनते उनके बच्चे, भावुक आमिर ने शेयर किया दिल का दर्द
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया के दिन करें तुलसी के ये उपाय, आर्थिक तंगी होगी दूर!
-
Guru Gochar 2024: 1 मई को गुरु गोचर से बनेगा कुबेर योग, जानें आपकी राशि पर इसका प्रभाव
-
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर करें ये उपाय, धन से भर जाएगी तिजोरी
-
Shiv Ji Ki Aarti: ऐसे करनी चाहिए भगवान शिव की आरती, हर मनोकामना होती है पूरी